Bilaspur Nagar Nigam: नगर निगम बिलासपुर की सामान्य सभा की बैठक मंगलवार 15 अप्रैल को देवकीनंदन दीक्षित सभागार में सुबह 11 बजे से आयोजित की जाएगी।
Bilaspur Nagar Nigam: नगर निगम बिलासपुर की सामान्य सभा की बैठक मंगलवार 15 अप्रैल को देवकीनंदन दीक्षित सभागार में सुबह 11 बजे से आयोजित की जाएगी। इस बैठक में कुल 1086 करोड़ रुपए का बजट प्रस्तुत किया जाएगा। इस बजट पर नगर निगम के पार्षदों द्वारा चर्चा की जाएगी, साथ ही शहर की विभिन्न समस्याओं और मुद्दों को लेकर भी सवाल-जवाब होंगे। इस बार कांग्रेस की तरफ से सदन में नेता प्रतिपक्ष नहीं होगा क्योंकि अब तक नेता प्रतिपक्ष तय ही नहीं किया गया है।
सभा के लिए पार्षदों ने 60 प्रश्नों की सूची तैयार की है, जिनके माध्यम से वे आम जनता की समस्याएं और वार्ड स्तर की ज़रूरतों को सदन में उठाएंगे। वहीं बैठक के दौरान कुल 9 एजेंडों पर विस्तार से चर्चा की जाएगी। इस महत्वपूर्ण सामान्य सभा से पहले कांग्रेस और भाजपा दोनों ही दलों के पार्षदों की बैठक अलग-अलग आयोजित की गई, जिसमें रणनीति तय की गई। कांग्रेस पार्षदों की बैठक कांग्रेस भवन में हुई, जिसकी अध्यक्षता शहर अध्यक्ष विजय पांडेय और ग्रामीण अध्यक्ष विजय केशरवानी ने की।
बैठक में पूर्व सभापति शेख नज़ीरुद्दीन, पूर्व महापौर राजेश पांडेय, प्रदेश सचिव सिद्धांशु मिश्रा समेत कई वरिष्ठ नेता व पार्षद शामिल हुए। बैठक में पार्षदों से सामान्य सभा में जनता से जुड़े मुद्दे मज़बूती से उठाने की अपील की गई।
कांग्रेस के अलावा भाजपा पार्षदों की बैठक भाजपा कार्यालय करबला में आयोजित की गई। बैठक में जिला अध्यक्ष दीपक सिंह ठाकुर, महापौर पूजा विधानी, पूर्व महापौर किशोर राय, सभापति विनोद सोनी सहित कई वरिष्ठ पदाधिकारी मंच पर उपस्थित थे। बैठक में बजट प्रस्ताव पर चर्चा करते हुए सभी एमआईसी सदस्य और पार्षदों ने एकजुटता दिखाने की बात कही। सदन में पूछे जाने वाले सवालों के सटीक जवाब देने को कहा गया। बैठक का संचालन दीपक सिंह ने किया और आभार प्रदर्शन सभापति विनोद सोनी ने किया।
कांग्रेस कमेटी के शहर अध्यक्ष विजय पांडेय ने बैठक के दौरान निर्वाचित कांग्रेस पार्षदों से कहा कि शहर की समस्याएं दो स्तर की होती हैं। एक वार्ड स्तर की और दूसरी शहर स्तर की। कांग्रेस के 18 पार्षद भले ही संख्या में कम हों, लेकिन उनका जज़्बा मजबूत है।
हर पार्षद को न केवल अपने वार्ड की बल्कि पड़ोसी वार्ड की जिम्मेदारी भी लेनी होगी। यदि प्रशासन या महापौर भेदभाव करता है तो संगठन को सूचित करें, संगठन हर स्तर पर साथ देगा और आवश्यकता पड़ने पर आंदोलन भी किया जाएगा।