बिलासपुर

हाईकोर्ट का हैरान कर देने वाला फैसला! 24 साल पुराने रेप केस में नाबालिग साबित हुआ आरोपी, सजा रद्द

Bilaspur High Court: छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने 24 साल पुराने बलात्कार मामले में आरोपी की सात साल की सजा रद्द कर दी। घटना के समय आरोपी नाबालिग था, इसलिए केस किशोर न्याय बोर्ड को भेजा गया।

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Bilaspur High Court: छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने 24 साल पुराने बलात्कार मामले में बड़ा फैसला सुनाया। जस्टिस सचिन सिंह राजपूत की बेंच ने कहा कि घटना के समय आरोपी की उम्र 16 साल 8 महीने थी, इसलिए निचली अदालत की सात साल की सजा रद्द करते हुए केस को किशोर न्याय बोर्ड में भेजा गया। अब आरोपी, जिसकी उम्र 40 साल से अधिक हो चुकी है, किशोर न्यायालय में पेश होगा और बोर्ड को छह माह में निर्णय देने के निर्देश दिए गए हैं।

उल्लेखनीय है कि निचले कोर्ट द्वारा दी गई सजा के खिलाफ आरोपी ने हाईकोर्ट में अपील प्रस्तुत की थी। सुनवाई के दौरान उसकी ओर से दस्तावेजों के साथ तर्क दिए गए कि घटना के समय वह नाबालिग था। बचाव पक्ष द्वारा प्रस्तुत स्कूल रिकॉर्ड के अनुसार आरोपी की जन्मतिथि 15 अक्टूबर 1984 है। इस हिसाब से घटना के समय उसकी उम्र 16 साल 8 महीने 19 दिन थी।

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Bilaspur High Court: अभियुक्त की उम्र अपराध की तारीख पर देखी जाए, सजा सुनाने की डेट पर नहीं

आरोपी की अपील पर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के विभिन्न निर्णयों का उल्लेख करते हुए कहा कि किसी भी अभियुक्त की उम्र अपराध की तारीख पर देखी जाती है, सजा सुनाए जाने की तारीख पर नहीं। कोर्ट ने माना कि आरोपी घटना के समय नाबालिग था और उसे किशोर न्याय अधिनियम, 2000 का लाभ मिलना चाहिए। कोर्ट ने ट्रायल कोर्ट का फैसला निरस्त करते हुए प्रकरण किशोर न्याय बोर्ड बिलासपुर को भेजने का निर्देश दिया।

आरोपी और पीड़िता का हो चुका अलग-अलग विवाह

किशोर न्याय बोर्ड को सिंगल बेंच ने आदेश दिया कि वह आरोपी की उम्र, अब तक बिताई गई जेल अवधि (करीब डेढ़ साल) और वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए छह महीने में अंतिम निर्णय दे। जिनमें यह तथ्य भी शामिल है कि आरोपी और पीड़िता अब अलग-अलग परिवारों में शादीशुदा हैं और उनके बच्चे भी हैं। हाईकोर्ट ने आरोपी की जमानत बरकरार रखी है। उसे 8 अक्टूबर 2025 को किशोर न्याय बोर्ड के सामने उपस्थित होना होगा।

यह है मामला

Bilaspur High Court: घटना 3 जुलाई 2001 की रात रतनपुर क्षेत्र के एक गांव में हुई। पीड़िता 15 वर्ष की किशोरी का आरोपी रिश्ते में मौसेरा भाई है। घटना की रात वह पीड़िता के घर रुका था। देर रात उसने जबरन उसके साथ दुष्कर्म किया। अगले दिन पीड़िता ने परिजन को पूरी बात बताई। दर्ज कराई गई रिपोर्ट के आधार पर पुलिस ने उसको गिरफ्तार किया। सुनवाई के बाद सत्र न्यायालय ने 29 अप्रैल 2002 को आरोपी को 7 साल सश्रम कारावास और 500 रुपये जुर्माने की सजा सुनाई।

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Published on:
20 Sept 2025 11:30 am
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