CG Alert: बिलासपुर जिले में गैंगरीन के मरीज तेजी से बढ़ रहे हैं। अकेले सिस अस्पताल में ही हर सप्ताह औसतन 15 मरीज इलाज के लिए पहुंच रहे हैं।
CG Alert: छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले में गैंगरीन के मरीज तेजी से बढ़ रहे हैं। अकेले सिस अस्पताल में ही हर सप्ताह औसतन 15 मरीज इलाज के लिए पहुंच रहे हैं। इनमें से लगभग पांच मरीजों की हालत इतनी गंभीर होती है कि डॉक्टरों को उनकी उंगलियां या हाथ-पैर का हिस्सा काटना पड़ता है। डॉक्टरों के अनुसार गैंगरीन का सबसे ज्यादा खतरा डायबिटीज यानी शुगर के मरीजों को है।
गांवों से आने वाले मरीजों की संया सबसे अधिक है। ग्रामीण क्षेत्रों में लोग छोटी चोट, कांटा या पिन लगने को नजरअंदाज कर देते हैं। कई बार घाव को लंबे समय तक यूं ही छोड़ दिया जाता है। यही लापरवाही धीरे-धीरे संक्रमण को गैंगरीन का रूप दे देती है। डॉक्टरों का कहना है कि अगर किसी का घाव 5 दिन तक ठीक नहीं हो रहा, तो तत्काल विशेषज्ञ डॉक्टर से दिखाना चाहिए।
खासतौर पर जिन लोगों को पांच साल से ज्यादा समय से डायबिटीज है, उन्हें विशेष सतर्क रहने की जरूरत है। समय पर इलाज न मिलने पर गैंगरीन के मरीज को प्रभावित अंग गंवाना पड़ सकता है।
ये हैं लक्षण
शुगर मरीजों में ब्लड सर्कुलेशन प्रभावित हो जाता है।
छोटी नसें ब्लॉक हो जाती हैं, जिससे घाव जल्दी नहीं भरते।
समय रहते इलाज न मिलने पर घाव संक्रमित होकर सड़ने लगता है और गैंगरीन का रूप ले लेता है।
लंबे समय से डायबिटीज पीड़ित मरीजों में इसका खतरा और ज्यादा रहता है।
ये बरतें सावधानी
शुगर लेवल को नियंत्रित रखें और नियमित जांच कराएं।
पैरों और हाथों की रोज जांच करें, खासकर जिनको 5 साल से ज्यादा समय से डायबिटीज है।
किसी भी छोटे घाव, कांटे या पिन लगने पर तुरंत साफ करें और डॉक्टर से दिखाएं।
नियमित अंतराल में न्यूरोलॉजिस्ट, डायबिटोलॉजिस्ट और सर्जन से चेकअप कराते रहें।
जीवनशैली में अनुशासन रखें और खानपान पर ध्यान दें।