CG News: बिलासपुर की निधि तिवारी ने रायपुर में आयोजित राज्य स्तरीय युवा कवि प्रतियोगिता में 1000 प्रतिभागियों को पछाड़कर प्रथम स्थान प्राप्त किया, जीता 50 हजार पुरस्कार।
ताबीर हुसैन/CG News: दिमाग कानून के दांव-पेंच समझने वाला और दिल कवि हृदय। इसकी मिसाल है निधि तिवारी। राजधानी में आयोजित राज्य स्तरीय युवा कवि प्रतियोगिता में बिलासपुर की युवा कवयित्री निधि तिवारी ने प्रथम स्थान प्राप्त कर शहर का नाम रोशन किया। उन्हें प्रथम पुरस्कार स्वरूप 50 हजार रुपए प्रदान किए गए। निधि गौरी गणेश कॉलोनी, शुभम विहार, मंगला बिलासपुर की निवासी हैं।
उन्होंने हाल ही में गुरु घासीदास केंद्रीय विश्वविद्यालय से 5 वर्षीय विधि की पढ़ाई पूरी की है और वर्तमान में न्यायिक सेवा की तैयारी कर रही हैं। निधि ने बताया कि साहित्य और कविता के प्रति उनकी रुचि परिवार से मिली प्रेरणा का परिणाम है। उनकी मां विभा तिवारी को साहित्य में रुचि है, जबकि पिता अशोक तिवारी कविताएं सुनना पसंद करते हैं। बड़ी बहन निष्ठा तिवारी ने 2019 में उन्हें पहली बार कविता लेखन के लिए प्रेरित किया, तभी से उनकी रचनात्मक यात्रा शुरू हुई।
यह प्रतियोगिता रायपुर, बिलासपुर, बस्तर और सरगुजा संभाग में रखी गई थी। हर संभाग से प्रथम से तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले प्रतिभागियों को राज्य स्तरीय प्रतियोगिता के लिए रायपुर बुलाया गया था। इस स्पर्धा में राज्यभर से 1 हजार से ज्यादा प्रतिभागी शामिल हुए थे।
निधि के प्रिय कवियों में केदारनाथ सिंह, विनोद कुमार शुक्ल, रामधारी सिंह दिनकर, दुष्यंत कुमार, अमृता प्रीतम, बशीर बद्र, वसीम बरेलवीं के साथ-साथ कुमार अबुज, जवाद शेख, अमन अक्षर, नीलोत्पल मृणाल जैसे समकालीन नाम भी शामिल हैं। जीती गई रकम से वे मनपसंद किताबें खरीदना चाहेंगी।
जैसे बीज के संग धरती को भी
फूटना पड़ता है किसी पौधे के
उग आने के लिए
अत्यंत पीड़ा में पीठ पर
पड़ जाती हैं दरारें
ईश्वर उन्हीं दरारों से
जन्मता है मनुष्य में।
लोग कहते हैं, उस रात जब मैं लौट रही थी,
अपने दफ्तर से काम पूरा कर अकेले,
मुझे उन लड़को ने, खराब कर दिया,
गंदा कर दिया, अपवित्र कर दिया।
मैं नहीं मानती पर, कहीं तुम्हें भी
तो ऐसा नहीं लगता?
कहीं यही कारण तो नहीं कि,
तुम नजर आना बंद हो गए हो,
मेरी खिड़की पर, अपनी छत पर,
फोन पर और दूर हो गए मुझसे?
तुम अक्सर कहते थे,
मैं बादल सा हूँ, और तुम इस धरती सी
बगैर एक दूजे के हम हों, यह मुमकिन नहीं।
और हंसने की बात यह है,
मैंने कल ही पढ़ा अखबार में,
धरती पर प्रदूषण हो जाने के करण,
अब बादल आना बंद हो गए हैं, बारिश नहीं होगी।
मैं सोचती हूं धरती प्रदूषित है,
या मानव……या तुम?