
शिक्षक ऐप और पोर्टल में व्यस्त, पढ़ाई प्रभावित... शिक्षा विभाग की डिजिटल प्रक्रिया बनी चुनौती(photo-patrika)
CG Education: छत्तीसगढ़ के बालोद जिले के सरकारी स्कूलों में पढ़ाई कराने से ज्यादा शिक्षक शिक्षा विभाग व शासन के ऐप एवं पोर्टलों में जानकारी भरने में व्यस्त रहते है। संभवत: यह जिले का पहला विभाग होगा, जहां इतने सारे ऐप व पोर्टल संचालित हैं। शिक्षक संगठनों व शिक्षा विभाग के मुताबिक प्राथमिक से लेकर हायर सेकंडरी स्कूलों तक लगभग 36 एंप व पोर्टल चल रहे हैं।
इन ऐप एवं पोर्टल पर शिक्षक, संस्था प्रमुख, बीआरसीसी को जानकारी भर कर शासन व प्रशासन एवं स्कूली शिक्षा विभाग को देना है। नेटवर्क सही रहा तो ठीक नहीं तो जानकारी भरने में ही दिनभर का समय लग जाता है। जिले के विभिन्न शिक्षक संगठनों का कहना है कि ऐप व पोर्टल में व्यस्त होने के कारण पढ़ाई प्रभावित हो रही है।
इसलिए शिक्षक संगठन इसका विरोध कर रहे हैं। शिक्षकों का कहना है कि हमें पढ़ाई कराने के लिए नियुक्त किया गया है। ऐप व पोर्टल ने पढ़ाई को प्रभावित किया है। इसी में व्यस्त रहे तो बच्चों को कब पढ़ाई कराएं।
नवीन शिक्षक संघ के जिला अध्यक्ष वेद प्रकाश साहू के मुताबिक ऐप के कारण व्यक्तिगत जानकारी लीक होने का खतरा है। शिक्षकों के बैंक अकाउंट से जमा राशि चोरी होने का भी खतरा है। ऐप शासकीय स्कूलों में पढ़ाई में सबसे बड़ी बाधा है। शासन इस पर फिर से विचार कर शिक्षकों को इन कार्यों से मुक्त रखा जाए। ऑफिस में अलग से कर्मचारियों की नियुक्ति की जाए।
छत्तीसगढ़ सहायक शिक्षक समग्र शिक्षक फेडरेशन के जिलाध्यक्ष देवेन्द्र हरमुख ने बताया कि सरकार ने खुद सरकारी स्कूलों की हालत खराब कर दी है। वर्तमान में अधिकांश स्कूलों में मात्र दो ही शिक्षक पदस्थ हैं, जिन पर पांच कक्षाओं को पढ़ाने की जिम्मेदारी है, जिसका निर्वहन कठिनाई से पूरा हो पाता है। इतने ऑनलाइन पोर्टल और ऐप शिक्षकों के ऊपर लाद दिया गया है। जानकारी देने में देरी या किसी कारण से जानकारी नहीं देने की स्थिति में कार्रवाई की तलवार लटकती रहती है।
शिक्षकों ने कहा कि ऐप का उपयोग शिक्षक अपने मोबाइल फोन से करते हैं और कभी-कभी तो मोबाइल हैक होने का भी खतरा बना रहता है। वर्तमान में साइबर क्राइम के भी मामले ज्यादा सामने आ रहे हैं। शिक्षकों के बजाए किसी कर्मचारी की नियुक्ति कर दे जो दिनभर यही काम करता रहे।
छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन बालोद के जिला अध्यक्ष दिलीप साहू के अनुसार ऐप और पोर्टल की जानकारी व ऑनलाइन कार्यों में शिक्षक उलझा हुआ है। अध्यापन के लिए समय कम मिलता है। साफ्ट एवं हार्ड कापी दोनों से जानकारी व तत्काल प्रदान करने के दबाव में पूरा कार्यालय तंत्र रहता है। इस पर विचार कर प्रक्रिया का सरलीकरण जरूरी हो गया है।
निष्ठा ऐप, दीक्षा ऐप, टीएमए ऐप, निक्लर ऐप, मिशन एलओसी कोचिंग मैप, एनपीएस ऐप, एएसपी ओटीआर ऐप, वाट्सऐप, टेलीग्राम ऐप, यूट्यूब, गूगल सीट, विद्यांजलि ऐप, इकोषलाइट्स, पुस्तक वितरण ऐप, डीजीलॉकर ऐप, विद्या ऐप, उल्लास ऐप, गुरु शाला ऐप, अमृता ऐप, वीएसके ऐप, ई जादूवी पिटारा ऐप, एसएचवीआर ऐप शामिल है। इसी तरह ऑनलाइन पोर्टल में एजुकेशन पोर्टल 3.0, एजुकेशन पोर्टल 2.0, समग्र शिक्षा पोर्टल, सीजीबीएससी पोर्टल, छात्रवृत्ति पोर्टल, इकोक्लब पोर्टल, यूडाइस पोर्टल आदि शामिल हैं।
Published on:
07 Oct 2025 04:59 pm
बड़ी खबरें
View Allबालोद
छत्तीसगढ़
ट्रेंडिंग
