बिलासपुर

जमीन में गड़ा सोना मिला है, सस्ते में दे दूंगा… एमएसएमई के प्रदेशाध्यक्ष हरीश केडिया के पास ठगों का आया फोन, फिर… जानें पूरा मामला

Thagi News: छत्तीसगढ़ लघु एवं सहायक उद्योग संघ (एमएसएमई) के प्रदेशाध्यक्ष हरीश केडिया की सतर्कता से एक बड़ा साइबर ठगी का मामला विफल हो गया।

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Fraud (photo-patrika)

CG Thagi News: छत्तीसगढ़ लघु एवं सहायक उद्योग संघ (एमएसएमई) के प्रदेशाध्यक्ष हरीश केडिया की सतर्कता से एक बड़ा साइबर ठगी का मामला विफल हो गया। उन्होंने न केवल खुद को ठगों के जाल से बचाया, बल्कि दूसरों के लिए भी एक मिसाल पेश की कि कैसे सजगता और बुद्धिमानी से साइबर अपराधियों के मंसूबों को नाकाम किया जा सकता है।

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हरीश केडिया ने दिखाई सतर्कता, ऐसे बचे ठगी से

हरीश केडिया ने बताया कि हाल ही में एक अज्ञात व्यक्ति का फोन आया। कॉल करने वाले ने कहा 'मुझे जमीन में गड़ा हुआ ढेर सारा सोना मिला है, जिसे मैं आपको देना चाहता हूं।' मैंने पूछा कि 'मुझे ही क्यों?', तो जवाब मिला 'लोगों ने बताया कि आप बहुत शरीफ और अच्छे आदमी हैं।' मैं तुरंत समझ गया कि यह किसी ठग की चाल है, जो लालच का झांसा देकर फंसाना चाहता है।

मैंने सूझबूझ से जवाब देते हुए कहा 'मैं सही आदमी नहीं हूं, बहुत गलत हूं, और फिलहाल एसपी दफ्तर से बोल रहा हूं।' यह सुनते ही सामने वाले ने घबराकर कॉल काट दिया। इसी तरह एक बार 50 हजार डालर इनाम फंसने की बधाई देते हुए ईमेल मांगा गया था, उसे भी मैंने इग्नोर कर दिया। इसी तरह एक बार ठगों के डिजिटल अरेस्ट और सीबीआई बनकर अरेस्ट करने के मंसूबे को नाकाम किया था।

बीसी के नाम भी हो रहा फ्रॉड

इसी तरह, शहर में अवैध रूप से बीसी का संचालन भी बढ़ रहा है। शुरुआती महीनों में कुछ लोगों को रकम लौटाकर भरोसा जीत लेते हैं। इससे बड़ी संख्या में विशेषकर महिलाओं से हर महीने तय राशि जमा करवाते हैं। इसके बाद इकट्ठा या ज्यादा ब्याज के साथ दोगुनी रकम देने का झांसा देकर महीनों तक राशि जमा करवाते हैं। महीनों बाद जब अपनी रकम मांगने पहुंचते तो टालमटोल करने के बाद ये भाग जाते हैं और मोबाइल नंबर भी बंद कर देते हैं।

CG Thagi News: ये बरतें सावधानी

अनजान कॉल या लिंक पर विश्वास न करें: कोई भी कॉल जो लालच या इनाम की बात करे, वह ठगी हो सकती है।
कभी भी ओटीपी या बैंक डिटेल साझा न करें: असली बैंक या सरकारी संस्था फोन पर जानकारी नहीं मांगती।
संदिग्ध कॉल की तुरंत शिकायत करें: साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 पर कॉल करें या स्थानीय थाने में शिकायत करें।
सोशल मीडिया पर व्यक्तिगत जानकारी सीमित रखें: ठग इन्हीं सूचनाओं के आधार पर टारगेट तय करते हैं।
बुजुर्गों और कम जागरूक लोगों को सतर्क करें: ठग अक्सर भावनाओं या भरोसे का फायदा उठाते हैं।
कोई भी असली पुलिस या सरकारी एजेंसी किसी को ऑनलाइन (डिजिटल) अरेस्ट नहीं करती।

सतर्कता ही सुरक्षा

जितनी जल्दी आप 1930 पर कॉल करेंगे, उतनी ही जल्दी आपका पैसा रोका जा सकता है। देर से कॉल करने पर पैसा आगे ट्रांसफर हो जाता है और रिकवरी मुश्किल हो जाती है।

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Published on:
08 Oct 2025 10:53 am
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