Magh Gupt Navratri 2025: प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ के मध्य में साधना के लिए माघ मास की गुप्त नवरात्रि का विशेष व अद्भुत संयोग 30 जनवरी गुरुवार से बन रहा है। नव वर्ष की पहली गुप्त नवरात्र है।
Magh Gupt Navratri 2025: हिंदू पंचांग के अनुसार साल का आखिरी गुप्त नवरात्र इस बार 30 जनवरी से प्रारंभ हो रहे हैं। गुप्त नवरात्र साधना के लिए विशेष शुभ माने गए हैं, और इस बार यह नवरात्र विशेष फलदायी होंगे, क्योंकि प्रयाग में महाकुंभ चल रहा है। इस शुभ समय में गुप्त नवरात्र का आयोजन कई शुभ योगों के साथ हो रहा है।
माघ माह के गुप्त नवरात्र 30 जनवरी से शुरू होंगे और महानंदा नवमी के साथ 6 फरवरी को समाप्त होंगे। ज्योतिषाचार्य पं. जागेश्वर अवस्थी के अनुसार, गुप्त नवरात्र में तंत्र-मंत्र की साधना से भक्तों की विभिन्न समस्याओं का समाधान होता है और मां के आशीर्वाद से जीवन में सुख-शांति बनी रहती है।
इस बार गुप्त नवरात्र की शुरुआत 30 जनवरी से होगी और यह 6 फरवरी को महानंदा नवमी के साथ समाप्त होंगे। गुप्त नवरात्र के दौरान श्रद्धालु आठ दिनों तक कठिन साधना करेंगे, जिससे उनकी मनोकामनाएं पूर्ण हों। इस दौरान वसंत पंचमी (3 फरवरी) और नर्मदा जयंती (4 फरवरी) जैसे पर्व भी मनाए जाएंगे।
गुप्त नवरात्र के समय में तंत्र साधना का विशेष महत्व होता है। इस दौरान मां दुर्गा के विभिन्न स्वरूपों की आराधना के साथ-साथ 10 महाविद्याओं की पूजा भी की जाती है। इन महाविद्याओं में काली, तारा, त्रिपुर सुंदरी, भुवनेश्वरी, भैरवी, छिन्नमस्ता, धूमावती, बगलामुखी, मातंगी और कमला शामिल हैं। यह साधना कार्य सिद्धि, मनोकामना पूर्ति और विभिन्न समस्याओं के समाधान के लिए की जाती है। गुप्त नवरात्र में मंत्रों का जाप करने से संतान सुख, रोग निवारण, दरिद्रता और धन संबंधी समस्याओं का समाधान होता है।
हिंदू पंचांग में साल में चार नवरात्र होते हैं। इनमें दो प्रकट नवरात्र (चैत्र और अश्विनी माह में) और दो गुप्त नवरात्र (आषाढ़ और माघ माह में) होते हैं। प्रकट नवरात्र में साधना का विशेष महत्व होता है, जबकि गुप्त नवरात्र में गुप्त साधनाओं द्वारा मनोकामना पूर्ति का मार्ग प्रशस्त किया जाता है।
25 जनवरी: षटतिला एकादशी
27 जनवरी: प्रदोष व्रत, मासिक शिवरात्रि
29 जनवरी: मौनी अमावस्या
30 जनवरी: बृहस्पतिवार- माघ गुप्त नवरात्रि आरभ