Bilaspur High Court: प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में रीएजेंट की कमी के मामले में हाईकोर्ट ने सीजीएमएससी को नया शपथ पत्र देने कहा है। इसमें बताना होगा कि रीएजेंट की कमी किस तरह से दूर की जा रही है।
Bilaspur High Court: प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में रीएजेंट की कमी के मामले में हाईकोर्ट ने सीजीएमएससी को नया शपथ पत्र देने कहा है। इसमें बताना होगा कि रीएजेंट की कमी किस तरह से दूर की जा रही है। पिछली बार सीजीएमएससी ने इसके लिए टेंडर करने की बात कही थी, उसमें क्या हुआ, इसकी जानकारी देने के निर्देश भी कोर्ट ने दिए। इधर शासन की ओर से कहा गया कि बाजार से रीएजेंट की खरीदी की जा रही है।
सरकारी अस्पतालों विशेष रूप से जिला अस्पताल बिलासपुर में रीएजेंट की कमी पर सुनवाई चल रही है। गुरुवार को चीफ जस्टिस की डीबी में हुई सुनवाई में सीजीएमएससी की ओर से बताया गया कि अब सीधे खुले बाजार से ही खरीदी हो रही है। ज्ञात हो कि रीएजेंट की कमी के कारण कई सरकारी अस्पतालों में आवश्यक जांच बंद होने से गरीब मरीजों को मजबूरन निजी पैथालॉजी सेंटरों में जाकर जांच करवानी पड़ रही है, जो उन पर आर्थिक रूप से भारी पड़ रहा है।
रीएजेंट की कमी के कारण बिलासपुर, बलौदाबाजार, कोरबा, दंतेवाड़ा, कवर्धा, गरियाबंद, मुंगेली, नारायणपुर, राजनांदगांव, सुकमा, बलरामपुर और गौरेला पेंड्रा मरवाही सहित कई जिलों में रीएजेंट किट की कमी के कारण आवश्यक टेस्ट बंद हैं। अव्यवस्था पर हाईकोर्ट ने कड़ी टिप्पणी की थी कि स्वास्थ्य विभाग में खरीदी गई लाखों की मशीनें सिर्फ रखने के लिए नहीं होनी चाहिए। इनसे जांच हो और नियमित समय पर रिपोर्ट मिले, इसकी व्यवस्था सरकार और स्वास्थ्य विभाग को करनी होगी।