Dharmendra Property: धर्मेंद्र के निधन के बाद उनकी बेटी अहाना देओल ने अपने पिता के साथ की कुछ भावुक यादें साझा की हैं, जो हर किसी का दिल छू रही हैं। उन्होंने बताया कि वो पैसों या शोहरत के बजाय अपने पिता की पुरानी फिएट कार को विरासत में पाना चाहेंगी, क्योंकि उससे अनगिनत यादें जुड़ी हैं।
Dharmendra Property: धर्मेंद्र के निधन से पूरा देओल परिवार टूट गया है। बॉलीवुड ने अपने सबसे प्रिय सितारों में से एक, लेजेंडरी धर्मेंद्र को खो दिया है। बता दें, उनकी प्यारी मुस्कान और गर्मजोशी अंदाज उनके फैंस को हमेशा याद रहने वाला है। क्योंकि आज धर्मेंद्र भले ही हमारे बीच में नहीं है, लेकिन वो अपने पीछे एक ऐसी विरासत छोड़ गए है, जो उनकी अनुपस्थिति में भी चमकती रहेगी।
'धरम पाजी' के निधन के बाद उन्हें श्रद्धांजलि देने का सिलसिला जारी है। इस बीच, उनकी बेटी अहाना देओल ने अपने पिता धर्मेंद्र को लेकर अपनी दिल की बताई है, "धरम पाजी की यादें हमें ये बताती है कि सबसे कीमती विरासत बड़ी प्रॉपर्टी या दौलत नहीं होती, बल्कि प्यार से भरे छोटे-छोटे मोमेंट्स भी प्रॉपर्टी के समान होते हैं।"
अहाना देओल ने HerZindagiBuzz को दिए एक पुरानी बातचीत में अपने पिता की सिखाई वैल्यूज के बारे में बताया था, " मेरे पापा ने मुझे हमेशा प्यार और लगाव के बारे में बताया है। उन्होंने मुझे खुश, हेल्दी और मजबूत रहना सिखाया। ये सुनने में आसान लग सकता है, लेकिन इसका मतलब बहुत गहरा है, जो एक परिवार के साथ रहने में और उनके आदर्शों के साथ चलने मदद करता है।"
इसके बाद जब अहाना से पूछा गया कि वो अपने पिता से विरासत में क्या पाना चाहती हैं? ' तो इस पर उन्होंने जवाब देते हुए पैसे, शोहरत या लग्जरी के बारे में बिल्कुल नहीं सोचा। बल्कि उन्होंने तुरंत कहा मेरे पापा की फिएट चाहिए।' इसके बाद उन्होंने अपना जवाब समझाते हुए कहा, "मुझे अपने पिता की पहली कार फिएट विरासत में मिलना बहुत अच्छा लगेगा। वो कार बहुत प्यारी और विंटेज है और मुझे यकीन है कि इससे उनकी अनगिनत यादें जुड़ी होंगी। ये कुछ ऐसा है जो मैं अपनी कार के तौर पर पाना चाहूंगी और मुझे कुछ नहीं चाहिए बस ये विंटेज कार चाहिए।" अहाना देओल ये इच्छा बताते हुए कहती है कि है मैं उनसे इमोशनली कनेक्ट थी।
इतना ही नहीं, अहाना ने अपने शुरुआती सालों की एक याद भी शेयर की थी जो उनके दिल के बहुत करीब है। उन्होंने बताया था, "मैं सिर्फ 6 साल की थी जब वो लोनावाला में अपने फार्म पर जा रहे थे। जाने से पहले वो हमें बाय कहने आए थे। मैंने अचानक कहा, 'मुझे भी जाना है पापा…' और ये इतना अचानक हुआ कि उन्होंने मेरा बैग पैक किया और मुझे अपने साथ ले गए। उन्होंने मुझे कार में अपनी गोद में बिठाया। ये उनके साथ मेरी सबसे अच्छी यादों में से एक है।" दरअसल, अहाना की ये यादें धर्मेंद्र के एक पिता के रूप में प्यारे और सहज व्यक्तित्व को दर्शाती हैं, जो अपनी बेटियों के साथ गहरा इमोशनल रिश्ता रखते थे। उनकी विरासत सिर्फ फिल्मों में नहीं, बल्कि इन अनमोल यादों और सिखाए गए मूल्यों में भी जीवित रहेगी।