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बुरी फंसी जैकलीन फर्नांडिस, सुप्रीम कोर्ट से नहीं मिली राहत

Jacqueline Fernandez: 200 करोड़ रुपये की मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जैकलीन फर्नांडिस को सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं मिली है।

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Sep 22, 2025
जैकलीन फर्नांडिस को सुप्रीम कोर्ट से नहीं मिली राहत (सोर्स: एक्ट्रेस इंस्टाग्राम)

Jacqueline Fernandez Money Laundering Case: मनोरंजन जगत से एक बड़ी खबर सामने आई है। अभिनेत्री जैकलीन फर्नांडिस को 200 करोड़ रुपये की मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े सुकेश चंद्रशेखर मामले में सुप्रीम कोर्ट से भी कोई राहत नहीं मिल पाई है।

जैकलीन ने दिल्ली हाईकोर्ट के उस आदेश को चुनौती दी थी, जिसमें उनकी याचिका खारिज कर दी गई थी। इस याचिका में उन्होंने प्रवर्तन निदेशालय (ED) की ओर से दर्ज एफआईआर को रद्द करने की मांग की थी। लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट ने भी साफ कर दिया है कि यह केस ट्रायल कोर्ट में ही चलेगा और वहीं पर जैकलीन को अपना पक्ष रखना होगा।

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एक्ट्रेस का क्या है कहना?

एक्ट्रेस का कहना है कि उनके खिलाफ लगाए गए आरोप पूरी तरह गलत हैं। उन्होंने दलील दी कि उन्हें सुकेश चंद्रशेखर के आपराधिक इतिहास के बारे में कोई जानकारी नहीं थी। साथ ही, जो महंगे गिफ्ट उन्होंने सुकेश से लिए थे, उनके बारे में भी उन्हें यह पता नहीं था कि वे अवैध कमाई से खरीदे गए हैं। फिलहाल, सुप्रीम कोर्ट ने मामले में दखल देने से इनकार कर दिया है और अब जैकलीन को ट्रायल कोर्ट में ही अपनी लड़ाई लड़नी होगी।

न्यायमूर्ति ने क्या कहा?

सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता ने कहा कि यह आरोप है कि आपको 200 करोड़ रुपए के उपहार मिले, लेकिन कानून की प्रकृति ऐसी है कि कई बार यह तय कर पाना मुश्किल हो जाता है कि जब दो लोग आपस में करीबी होते हैं और उनमें से एक व्यक्ति किसी आपराधिक गतिविधि में शामिल होता है, तो दूसरे की भूमिका क्या रही; इसे अलग करना आसान नहीं होता। ऐसे मामलों में ट्रायल कोर्ट ही सही मंच होता है, जहां तथ्यों की गहराई से जांच की जा सकती है।

जैकलीन फर्नांडिस के वकील की दलील

जैकलीन फर्नांडिस के वकील प्रशांत पाटिल ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि फिलहाल यह मामला ट्रायल कोर्ट में चार्ज तय करने की बहस के स्तर पर है। सुप्रीम कोर्ट जाने का मकसद सिर्फ इतना था कि ट्रायल कोर्ट बिना किसी दबाव और टिप्पणी के, पूरी तरह निष्पक्ष तरीके से हमारी दलीलें सुने।

पाटिल ने बताया कि उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से यह अपील की थी कि दिल्ली हाईकोर्ट की टिप्पणियों को रिकॉर्ड से हटाया जाए। अदालत ने हमारे पक्ष में आदेश देते हुए कहा है कि ट्रायल कोर्ट स्वतंत्र रूप से चार्ज पर बहस सुनेगा और हाईकोर्ट की टिप्पणियां इसमें रुकावट नहीं बनेंगी।

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