Stage 4 Cancer: अमिताभ-धर्मेंद्र जैसे बड़े एक्टर्स के साथ काम कर चुकीं मशहूर एक्ट्रेस नफीसा अली को दोबारा कैंसर हो गया है। पिछले दिनों अभिनेत्री ने इस बात की जानकारी दी थी, लेकिन अब एक इंटरव्यू में उन्होंने खुलासा किया है कि…
Nafisa Ali Stage 4 Cancer: पिछले दिनों खबर आई थी कि एक्ट्रेस नफीसा अली, स्टेज 4 कैंसर से जूझ रही हैं। इस बात का खुलासा उन्होंने खुद किया था। एक्ट्रेस ने बताया था कि वह पेरिटोनियल कैंसर से पीड़ित हैं और उनकी कीमोथैरेपी फिर से शुरू हो गई है।
बता दें एक्ट्रेस को नवंबर 2018 में स्टेज 3 पेरिटोनियल और ओवेरियन कैंसर का पता चला था। लेकिन उसके ठीक एक साल बाद साल 2019 में उन्हें कैंसर मुक्त घोषित कर दिया गया। वह अब बिल्कुल ठीक हो गई थीं। अब एक इंटरव्यू में उन्होंने पुराने दिनों को याद करते हुए आपबीती बताई है। चलिए जानते हैं क्या होता है पेरिटोनियल कैंसर? और एक्ट्रेस ने क्या कहा है।
अभिनेत्री ने TheQuint के साथ बातचीत में बताया कि स्टेज 3 कैंसर से लड़ना, उस पर काबू पाना और फिर कुछ सालों बाद यह पता चलना कि उनके शरीर में कैंसर फिर से तेजी से फैल रहा है, यह दुखदायी है।
उन्होंने बताया कि वह कैंसर का फिर से मुकाबला करेंगी और हरा देंगी। जब उनसे पूछा गया कि जीवन के लिए उनका मंत्र क्या है? तब एक्ट्रेस ने कहा- “मुस्कुराते रहना, नए रास्ते खोलते रहना, और चाहे कुछ भी हो जाए, संकट के समय में भी डटे रहना।”
एक्ट्रेस ने आगे कहा, “मैं मरना नहीं चाहती… मुझे जिंदगी से प्यार है। मैं जीना चाहती हूं… मेरी सोच हमेशा से पॉजिटिव रही है। यही कारण है कि मैं कीमोथेरेपी के लिए तैयार हूं। मुझे कैंसर को मात देना है।”
पेरिटोनियल कैंसर (Peritoneal Cancer) पेरिटोनियम (Peritoneum) में विकसित होता है। यह पेट के अंदरूनी हिस्से को ढकने वाली एक पतली झिल्ली होती है, जो आंत, पेट, लिवर, गर्भाशय जैसे अंगों को ढककर उनकी सुरक्षा करती है और अंगों को एक-दूसरे से सहजता से हिलने-डुलने में मदद करती है।
इसकी शुरुआत छोटे कोशिकाओं से होती है और बड़ा रूप ले लेती है। जब शरीर के किसी और अंग जैसे- कोलन, पेट, अंडाशय, अपेंडिक्स आदि का कैंसर फैलकर पेरिटोनियम तक पहुंचता है।
अब इसके मुख्य लक्षण भी जान लीजिए- इसमें लगातार पेट में दर्द या सूजन, भूख कम लगना या जल्दी पेट भर जाना, वजन कम होना, उल्टी, पाचन संबंधी दिक्कतें (कब्ज या दस्त), थकान और कमजोरी का लगना।
इसका सबसे बेहतर इलाज है कीमोथेरेपी या फिर सर्जरी।