cm mohan yadav burhanpur basad news मध्यप्रदेश में गांवों, शहरों के नाम बदले जा रहे हैं।
मध्यप्रदेश में गांवों, शहरों के नाम बदले जा रहे हैं। पिछले करीब 6 माह में ही प्रदेश के 6 दर्जन गांवों-शहरों की पहचान परिवर्तित कर दी गई है। स्वयं सीएम मोहन यादव ने तीन जिलों के इन गांवों-कस्बों के नाम बदले जाने का ऐलान किया। इसके बाद प्रदेशभर में नाम बदले जाने की मांग शुरु हो गई है। बुरहानपुर जिले के एक गांव का नाम बदलने के लिए तो पंचायत ने बाकायदा प्रस्ताव पारित कर दिया है। गांव के लोगों का कहना है कि राज्य सरकार जब हर जगह गांव, शहर का नाम बदल रही है तो हमारे गांव के नाम में भी बदलाव किया जाए।
मध्यप्रदेश में यूपी की तरह बड़े जिलों, प्रमुख शहरों से लेकर कस्बों और गुमनाम गांवोें तक के नाम बदले जा रहे हैं। कई रेलवे स्टेशनों के नाम भी परिवर्तित किए जा चुके हैं। देवास में सीएम डॉ. मोहन यादव ने सार्वजनिक कार्यक्रम में एकमुश्त 54 गांवों के नाम बदलने का ऐलान किया। इससे पहले भी सीएम कई गांवों, कस्बों का नाम बदलने की घोषणा कर चुके हैं। प्रदेश में अब तक 3 जिलों के 68 गांवों के नाम बदले गए हैं।
पहचान परिवर्तित करने के दौर में बुरहानपुर के लोग भी आगे आ गए हैं। यहां के बसाड़ गांव का नाम परिवर्तित कर बलरामगढ़ किए जाने की मांग की जा रही है। इसको लेकर सोमवार को ग्राम पंचायत के पदाधिकारियों और ग्रामीणों ने कलेक्ट्रेट में नेपानगर एसडीएम भागीरथ वाखला को ज्ञापन दिया। पंचायत से नाम बदलने को लेकर सर्व सहमति से पारित प्रस्ताव का पत्र भी दिया।
ग्रामीण राजेंद्रराव मानिक पाटिल ने बताया कि यूपी सहित मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री द्वारा शहर, गांव के नाम बदले जा रहे हैं। उसी तर्ज पर हम भी गांव बसाड़ का नाम बदलने की मांग कर रहे हैं। पंचायत के साथ ग्रामीणों को भी इस नाम को लेकर असहमति है।
बसाड़ गांव को ऑनलाइन पोर्टल, सरकारी दस्तावेजों में कई बार बसड़ लिखा जाता है। मराठी में नाम बदल जाता है। गांव में रहनेवाले अधिकांश किसान हैं, इसलिए गांव का नाम बलरामगढ़ रखने की सर्व सहमति से मांग की जा रही है। पंचायत ने भी इसके लिए प्रस्ताव पारित कर दिया है।
इसके साथ ही गांव में खुले नए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का नाम देवी अहिल्या बाई के नाम पर रखने का प्रस्ताव है। प्रशासन से पंचायत के दोनों प्रस्तावों को जल्द लागू करने की मांग की जा रही है।