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इस कपल ने 1.8 लाख रुपये से बनाए 4 करोड़, बिना झंझट ऐसे किया रिटायरमेंट का इंतजाम

बेंगलुरु के एक दंपत्ति ने बिना किसी बड़े त्याग के, हर महीने 1.8 लाख की SIP करके 50 साल की उम्र तक 4 करोड़ का रिटायरमेंट फंड बनाने का प्लान बनाया है। उनकी रणनीति दिखाती है कि वित्तीय स्वतंत्रता के लिए जोखिम नहीं, बल्कि सरल और लगातार किया गया निवेश ही सबसे ज़रूरी है।

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Dec 04, 2025
बेंगलुरु के कपल ने एक सरल सी रणनीति अपनाकर अपने जल्द रिटायरमेंट का प्लान बना लिया (PC: सांकेतिक/Canva)

पति और पत्नी जिंदगी की गाड़ी के दो पहिए होते हैं, अगर दोनों एक दूसरे का साथ दें, तो हर मुश्किल आसान हो जाती है, चाहे वो वर्तमान की चुनौतियां हों या फिर भविष्य की योजनाएं. बेंगलुरु के एक कपल ने साबित किया है कि सिर्फ निजी, सामाजिक ही नहीं बल्कि वित्तीय जिम्मेदारियां भी उतनी ही जरूरी होती हैं. इस बात को समझते हुए इस कपल ने खुद को करोड़पति बनाने का इंतजाम कर लिया. इसके लिए न तो उन्हें कोई बहुत ज्यादा त्याग करना पड़ा और न अपनी आजादी से कोई समझौता.

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ये है सिम्पल प्लान


ये कपल एक साथ महीने का 3.2 लाख रुपये कमाता है, अपनी इस कमाई को वो कैसे इस्तेमाल करते हैं, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर चार्टर्ड अकाउंटेंट नितिन कौशिक बताते हैं कि यह कपल एक विरासत में मिले घर में रहते हैं, जिसका मतलब है कि उन पर कोई EMI का बोझ नहीं है। मासिक देनदारियों से यह आजादी उन्हें लॉन्ग टर्म योजना के बारे में साफ तौर से सोचने का मौका देती है और अपनी आमदनी को लाइफस्टाइल को बेहतर बनाने के लालच में न आने देने के बजाय, वे हर महीने बिना एक भी साइकिल चूके, SIPs के ज़रिए 1.8 लाख रुपये का निवेश करते हैं।

एक साल के दौरान, SIP के जरिए वो कुल 21.6 लाख रुपये तक पहुंच जाती है, और वे इस गति को अपने 50 वर्ष की आयु तक जारी रखने की योजना बना रहे हैं. सीए नितिन कौशिक समझाते हैं कि 11% की CAGR को भी मानकर चलें तो यह साधारण रूटीन ही अगले दशक में लगभग 3.9 करोड़ से 4.3 करोड़ का एक कॉर्पस तैयार कर सकता है. इसके पीछे कोई जटिल रणनीति नहीं है, बस कंपाउंडिंग की शांत शक्ति अपना काम कर रही है।

इन पति पत्नी की आंखों में जल्द से जल्द अमीर होने का कोई सपना नहीं है. दंपत्ति ने सीए नितिन कौशिक को बताया कि उनके लिए जल्दी रिटायरमेंट का मतलब वित्तीय चिंता से दूर होना है। वे स्पष्टता, स्थिरता और अपने समय को नियंत्रित करने की स्वतंत्रता को प्राथमिकता देते हैं।

जिंदगी जीते हुए, भविष्य की प्लानिंग


अगर आप ये सोच रहे हैं कि इतनी मोटी रकम निवेश करने के लिए तो उन्होंने काफी समझौते किए होंगे या फिर कटौतियां की होंगी तो ऐसा नहीं है। वो दोनों वीकेंड्स पर बाहर घूमते हैं, हर साल बाहर घूमने भी जाते हैं और घर पर एक शांत, आरामदायक जीवन बिता रहे हैं। उनकी ये रणनीति साबित करती है कि जल्दी रिटायरमेंट कोई सज़ा नहीं है, यह दबाव के ऊपर शांति को चुनना है.

वो अपने निवेश को इक्विटी म्यूचुअल फंड में SIPs के जरिए निवेश करते हैं, कुछ पैसा वो NPS में भी डालते हैं साथ ही एक इमरजेंसी फंड भी बनाकर रखते हैं ताकि मुश्किल वक्त में जब अचानक से कोई जरूरत आए तो ये फंड उनकी मदद करेगा. आप अगर गौर से देखें तो इसमें कुछ बहुत जटिल या जोखिम भरा नहीं है. सबकुछ बिल्कुल सामान्य और साधारण है. बस स्थिरता के लिए डायवर्सिफिकेशन की जरूरत है।

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Published on:
04 Dec 2025 01:57 pm
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