PPF Withdrawal: पीपीएफ की मैच्योरिटी अवधि 15 साल होती है। इसे आगे भी बढ़ाया जा सकता है। निवेशक मैच्योरिटी से पहले आंशिक निकासी भी कर सकते हैं।
PPF withdrawal: सरकार समर्थित पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) भारत की सबसे भरोसेमंद लॉन्ग टर्म सेविंग स्कीम्स में से एक है, खासकर उन निवेशकों के लिए जो जोखिम से बचना चाहते हैं। हालांकि, PPF की लॉक-इन अवधि 15 वर्ष की होती है, लेकिन कुछ शर्तों के तहत मैच्योरिटी से पहले आंशिक निकासी की अनुमति मिल जाती है। आइए जानते हैं कि आप पीपीएफ से मैच्योरिटी से पहले निकासी कैसे कर सकते हैं।
स्टेप 1. फंड निकालने के लिए खाताधारक को PPF निकासी फॉर्म, जिसे Form C कहा जाता है, बैंक की वेबसाइट से डाउनलोड करना होगा या बैंक शाखा से प्राप्त करना होगा।
स्टेप 2. फॉर्म में आवश्यक विवरण भरें। जैसे निकाली जाने वाली राशि और खाता कितने वर्षों से एक्टिव है।
स्टेप 3. फॉर्म C के साथ PPF पासबुक की एक कॉपी संलग्न करें।
स्टेप 4. सभी दस्तावेज संबंधित बैंक शाखा में जमा करा दें।
यदि खाते पर कोई बकाया PPF लोन है, तो वह राशि पात्र निकासी से घटा दी जाएगी।
सरकार ने यह निर्धारित किया है कि निवेशक कब और कैसे अपने PPF खाते से पैसा निकाल सकते हैं। निकासी के नियम तीन प्रमुख कैटेगरीज में विभाजित हैं- आंशिक निकासी, प्रीमैच्योर क्लोजर और विड्रॉल आफ्टर मैच्योरिटी। आंशिक निकासी की बात करें, तो PPF खाते के खुलने वाले वित्त वर्ष के पांच वर्ष पूरे होने के बाद आंशिक निकासी की अनुमति दी जाती है। उदाहरण के लिए यदि किसी का PPF खाता 2010-11 में खोला गया है, तो निकासी 2016-17 या उसके बाद की जा सकती है।
-आंशिक निकासी की अधिकतम राशि चौथे वर्ष के अंत में या पिछले वर्ष के अंत में खाते में मौजूद बैलेंस, जो भी कम हो, उसके 50% तक हो सकती है।
-पीपीएफ खाते की मैच्योरिटी 15 साल होती है। निवेशक चाहे तो खाता बंद करा सकता है या मैच्योरिटी को आगे बढ़ा सकता है।
-खाते को एक्टिव रखने के लिए हर वित्त वर्ष कम से कम 500 रुपये जमा करना जरूरी है।
-खाता मैच्योर होने के बाद इसे 5-5 साल के ब्लॉक में आगे बढ़ाया जा सकता है।
-पूरी राशि मैच्योरिटी पूरी होने पर निकाली जा सकती है।