8वें वेतन आयोग का करीब 50 लाख केंद्रीय कर्मचारी और 65 लाख पेंशनधारक इंतजार कर रहे हैं।
केंद्रीय कर्मचारियों में 8th Pay Commission को लेकर चली आ रही बेचैनी 21 जुलाई यानी सोमवार को दूर हो सकती है। क्योंकि उस दिन सरकार की ओर से इसका जवाब आ सकता है, जिसमें वह अधिसूचना की तारीख, Terms of Reference (ToR) और संभावित समयसीमा स्पष्ट कर सकती है।
8th Pay Commission में देरी पर 21 जुलाई, 2025 से शुरू हो रहे लोकसभा के मॉनसून सत्र में वित्त मंत्रालय की ओर से इस पर जवाब दिया जाएगा। सवाल पूछने वाले सांसदों में टीआर बालू और आनंद भदौरिया शामिल हैं, जिन्होंने वेतन आयोग की अधिसूचना, गठन और लागू होने की समयसीमा पर जवाब मांगा है।
गौरतलब है कि जनवरी 2025 में सरकार ने 8वें वेतन आयोग की घोषणा की थी, लेकिन अब तक आयोग के ToR जारी नहीं हुआ है। और न ही सदस्यों व अध्यक्ष को चुना गया है। सांसदों ने पूछा है कि क्या सरकार ने आयोग की अधिसूचना जारी कर दी है? अगर नहीं तो छह महीने बाद भी इसमें देरी क्यों हो रही है?
1- क्या 8वें वेतन आयोग की अधिसूचना आधिकारिक रूप से जारी कर दी गई है?
2- अगर अधिसूचना जारी नहीं हुई है तो इसकी प्रमुख वजहें क्या हैं?
3- आयोग के अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति कब तक होगी और ToR में क्या-क्या शामिल होगा?
7वां वेतन आयोग जनवरी 2016 से लागू हुआ था और उसके अब 10 साल बाद 2024-25 में नए आयोग का गठन होना है। मौजूदा महंगाई दर और जीवन-यापन की बढ़ती लागत के बीच केंद्र सरकार के कर्मचारी लंबे समय से वेतन में बढ़ोतरी की उम्मीद कर रहे हैं। करीब 50 लाख केंद्रीय कर्मचारी और 65 लाख पेंशनधारक इस फैसले का इंतजार कर रहे हैं। 8वें वेतन आयोग से न सिर्फ वेतन में बढ़ोतरी की उम्मीद है बल्कि महंगाई भत्ते, HRA और पेंशन व्यवस्था में भी बदलाव की संभावनाएं हैं।
21 जुलाई को संसद में जब यह मुद्दा उठेगा तो सरकार की ओर से इस पर पहली बार आधिकारिक और विस्तार से जवाब मिलेगा। यही कारण है कि केंद्रीय कर्मचारी संगठनों, पेंशनभोगियों और विभिन्न यूनियनों की नजर इस दिन की कार्यवाही पर टिकी हुई है।