पीएफ खाते में क्लेम के समय कई बार पेपर अधूरे रहने पर दावे को खारिज कर दिया जाता है।
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने 8 करोड़ से अधिक सबस्क्राबर को राहत देते हुए एक अहम फैसला किया है। अब पीएफ के लास्ट सैटेलमेंट के दौरान अगर किसी वजह से पूरी रकम जारी करना संभव नहीं है तो क्लेम को खारिज करने के बजाय उपलब्ध रकम का पार्ट पेमेंट किया जाएगा।
केंद्रीय भविष्य निधि आयुक्त (CPFC) ने हाल में सभी क्षेत्रीय और जोनल कार्यालयों को भेजे निर्देश में कहा है कि कई बार अंतिम पीएफ दावे खारिज कर दिए जाते हैं, जिनमें कारण बताया जाता है कि पुराने पीएफ खातों का ट्रांसफर न होना वगैरह वगैरह। इससे कर्मचारियों को बेवजह फाइनेंशियल दिक्कत होती है।
ईपीएफओ ने साफ किया है कि अकाउंटिंग प्रोसीजर मैनुअल (MAP) के प्रावधानों के तहत ऐसी स्थिति में क्लेम को रिजेक्ट करने के बजाय पार्ट पेमेंट किया जा सकता है। यानी जो रकम सदस्य के खाते में उपलब्ध है, उसका भुगतान कर दिया जाएगा।
मैनुअल के अनुसार, 5 स्थितियों में आंशिक पेमेंट किया जा सकता है-
ईपीएफओ ने कहा है कि सभी आंशिक पेमेंट के मामलों को ‘पार्ट पेमेंट रजिस्टर’ में दर्ज किया जाए। इसकी हर महीने समीक्षा होगी और जैसे ही बाकी रकम उपलब्ध होगी, बिना किसी नए क्लेम के सीधे पेमेंट कर दिया जाएगा।
यह फैसला उस समय आया है जब ईपीएफओ ने हाल ही में कई सुधार लागू किए हैं। अब सदस्यों को सिंगल लॉगिन पोर्टल पर सभी सेवाओं और पीएफ खाते की जानकारी मिल रही है। साथ ही, क्लेम निपटान प्रक्रिया को तेज करने के लिए एप्रूवल की लेयर को घटाकर कम किया गया है।