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सोने की बढ़ती कीमतों से Gold Loan देने वाले बैंकों पर मंडराया यह खतरा, RBI को हो रही टेंशन

Gold loan Rules: सोने के भाव रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचने से गोल्ड लोन में जबरदस्त उछाल आया है। लोग जमकर गोल्ड लोन ले रहे हैं, क्योंकि लोगों को लोन में ज्यादा पैसा मिल रहा है।

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Dec 23, 2025
सोने की कीमतें तेजी से बढ़ रही हैं। (PC: Pexels)

भारतीय रिजर्व बैंक ने सोने की कीमतों में बढ़ती अस्थिरता को लेकर चिंता जताई है और लेंडर्स को गोल्ड लोन सेगमेंट में ज्यादा सतर्क रहने की सलाह दी है। खासतौर पर करेंसी (रुपए) में उतार-चढ़ाव की वजह से सोने की कीमतों में आ रही तेज हलचल को लेकर केंद्रीय बैंक सतर्क है। आरबीआई ने बैंकों से सावधानी बरतने को कहा है, जिसके चलते बैंक और एनबीएफसी गोल्ड लोन का डिस्बर्समेंट धीमा कर रहे हैं और रिस्क मैनेजमेंट को मजबूत कर रहे हैं। इसके तहत बैंकों और एनबीएफसी ने गोल्ड लोन देने के नियम सख्त करने शुरू कर दिए हैं।

जो संस्थान पहले सोने की कीमत का 75% लोन-टू-वैल्यू रेश्यो के हिसाब से गोल्ड लोन दे रहे थे, उन्होंने एलटीवी रेश्यो घटाकर 60-65% कर दिया है। यानी अब गोल्ड के बदले कम राशि का लोन दे रहे हैं। यह बदलाव बताता है कि बैंक अब ज्यादा सख्त रुख अपना रहे हैं।

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आरबीआई की चिंता की एक वजह यह भी है कि ऊंची गोल्ड कीमतों का फायदा उठाकर उधारकर्ता पहले से ज्यादा गोल्ड लोन ले रहे हैं। अक्टूबर 2025 में गोल्ड लोन बकाया सालाना आधार पर 129% बढ़कर 3.38 लाख करोड़ रुपए तक पहुंच गया। ग्लोबल अनिश्चितता और करेंसी में चढ़ाव के चलते बुलियन प्राइस में तेज मूवमेंट है। ऐसे में रेगुलेटर को डर है कि गोल्ड के बदले जरूरत से ज्यादा आक्रामक लेडिंग बैंकों की एसेट क्वालिटी पर दबाव डाल सकती है।

उधारकर्ताओं की उम्र भी चिंता का कारण

ग्राहकों की प्रोफाइल भी बैंकों की चिता बढ़ा रही है। एक अधिकारी के मुताबिक, 31 से 40 साल की उम्र के लोग 40-45% गोल्ड लोन ले रहे हैं। गोल्ड लोन का औसत टिकट साइज 1.50 लाख रुपए है। बड़ी चिंता यह है कि इस उधारी का बड़ा हिस्सा खपत के लिए इस्तेमाल हो रहा है, न कि नया एसेट बनाने के लिए।

PC: File Photo

बैंकों के लिए बढ़ेगा डिफॉल्ट रिस्क

आरबीआई की सबसे बड़ी चिंता यह है कि अगर सोने की कीमतें 10-15% भी गिरती हैं, तो कई मामलों में ग्राहकों पर बकाया लोन की रकम गिरवी रखे गए गहनों की कीमत से ज्यादा हो सकती है। ऐसी स्थिति में उधारकर्ता लोन चुकाने से बच सकते हैं और बैंकों के पास मौजूद कोलेटरल का सुरक्षा कवच कमजोर पड़ सकती है। इसका असर सिर्फ घरों तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि बैंकों के लिए डिफॉल्ट रिस्क भी तेजी से बढ़ सकता है।

रिकॉर्ड भाव ने बढ़ाई मांग

बैंकों की यह सख्ती ऐसे समय आई है, जब ज्वैलरी कारोबारियों और घरों को दिए जाने वाले गोल्ड लोन में जबरदस्त उछाल देखा गया है। फिलहाल सोने की कीमत 1.38 लाख रुपए प्रति 10 ग्राम चल रही है। इस साल गोल्ड की कीमतें 77% चढ़ी है। इतनी तेज बढ़त ने गोल्ड लोन की मांग को और हवा दी है।

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