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ट्रंप के टैरिफ बम से भी नहीं बदलेगी अमेरिका की आदत, ये चीजें भारत से ही खरीदने के लिए मजबूर!

US-India Trade Tariff: टैफ तनाव के बावजूद अमेरिका भारत से दवाइयां और इलेक्ट्रॉनिक्स खरीदना जारी रखेगा क्योंकि इन क्षेत्रों में उसके पास कोई भरोसेमंद विकल्प नहीं है।

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Aug 28, 2025
अमेरिकी प्रेसीडेंट डोनाल्ड ट्रंप। (फोटो: एएनआई )

US-India Trade Tariff : भारत और अमेरिका के बीच ट्रेड यानी व्यापार (US India trade tariff) को लेकर तनाव बना हुआ है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ( Donald Trump )की सरकार ने कुछ भारतीय वस्तुओं पर भारी टैरिफ (आयात शुल्क) लगा दिया है। लेकिन इसके बावजूद अमेरिका कुछ ऐसी चीजें हैं जिन्हें भारत से खरीदने पर मजबूर है। इनमें सबसे अहम हैं – दवाइयां (India pharma exports US) और इलेक्ट्रॉनिक्स प्रोडक्ट्स (Electronics imports from India)। इन उत्पादों के मामले में भारत दुनिया के सबसे बड़े और भरोसेमंद सप्लायर्स में से एक है। इसलिए, ट्रंप के टैरिफ के बावजूद अमेरिका भारत पर निर्भर बना हुआ है।

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भारत से क्यों खरीदनी पड़ती हैं दवाइयां ?

भारत को ‘दुनिया की फार्मेसी’ कहा जाता है। यहां बनने वाली जेनेरिक दवाइयां पूरी दुनिया में एक्सपोर्ट होती हैं। अमेरिका की हेल्थ इंडस्ट्री को कम कीमत पर गुणवत्तापूर्ण दवाइयों की जरूरत होती है, जो भारत आसानी से उपलब्ध कराता है। यही कारण है कि अमेरिका, भारत पर फार्मा सेक्टर में बहुत हद तक निर्भर है।

इलेक्ट्रॉनिक्स में भी भारत बना भरोसेमंद खिलाड़ी

ट्रंप सरकार ने चीन पर टैरिफ बढ़ाया और कई चीनी कंपनियों पर बैन भी लगाया। इसके बाद अमेरिकी कंपनियों ने भारत की तरफ रुख किया। भारत में इलेक्ट्रॉनिक सामान जैसे मोबाइल कंपोनेंट, लैपटॉप पार्ट्स और अन्य टेक गैजेट्स की मैन्युफैक्चरिंग तेजी से बढ़ी है। अमेरिका के पास अब चीन के बजाय भारत से खरीदना ही बेहतर विकल्प है।

टैरिफ के बावजूद रिश्ते मजबूत

हालांकि ट्रंप सरकार टैरिफ लगाकर घरेलू मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देना चाहती है, लेकिन हकीकत ये है कि अमेरिका की कंपनियों को भारत से सस्ता और टिकाऊ माल चाहिए। इसलिए टैरिफ लगाने के बावजूद दोनों देशों के बीच व्यापार रुक नहीं रहा।

अमेरिका के पास विकल्प नहीं

विशेषज्ञों की मानें तो अमेरिका के पास भारत का विकल्प नहीं है, खासकर फार्मा और इलेक्ट्रॉनिक्स सेक्टर में। अन्य देशों से खरीदना महंगा भी है और भरोसेमंद भी नहीं। ऐसे में भारत अमेरिका के लिए एक रणनीतिक और कारोबारी ज़रूरत बन गया है।

भारत के लिए बड़ा मौका

यह भारत के लिए एक शानदार अवसर है। अमेरिका की मजबूरी को समझकर भारत अपने निर्यात को और बढ़ा सकता है। इसके अलावा, भारत की ‘मेक इन इंडिया’ नीति और उत्पादन लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) योजनाएं भी इस दिशा में मदद कर रही हैं।

टैरिफ बम भारत-अमेरिका व्यापार पूरी तरह नहीं रोक पाया

बहरहाल ट्रंप का टैरिफ बम भारत-अमेरिका व्यापार को पूरी तरह नहीं रोक पाया है। अमेरिका को अब भी भारत की जरूरत है - खासकर दवाइयों और इलेक्ट्रॉनिक्स के लिए। इसलिए, भारत का दबदबा इन सेक्टरों में आगे भी बना रहेगा।

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