5 दिसंबर 2025,

शुक्रवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

ट्रंप के व्यापार सलाहकार कर रहे भारत को ब्लैकमेल करने की कोशिश, कहा- यह काम किया तो आधा कर देंगे टैरिफ

US-India Tariff: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के ट्रेड एडवाइजर पीटर नवारो ने एक इंटव्यू में भारतीयों की काफी बुराई की है। उन्होंने भारत को टैरिफ पर ब्लैकमेल करने की भी कोशिश की।

2 min read
Google source verification
Donald Trump News

पीटर नवारो ने एक फिर भारतीयों के लिए 'जहर उगला' है। (PC: Gemini)

टैरिफ के घोर समर्थक और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के ट्रेड एडवाइजर पीटर नवारो ने एक बार फिर 'जहर उगला' है। उन्होंने रूस-यूक्रेन युद्ध को 'मोदी का युद्ध' बता दिया। माना जाता है कि पीटर नवारो ने ही डोनाल्ड ट्रंप को भारत पर 50% टैरिफ के लिए उकसाया है। पीटर ने कहा कि भारत लगातार रूसी तेल खरीदकर रूस के युद्ध की फंडिंग कर रहा है। नवारो ने ब्लूमबर्ग टेलीविजन पर कहा, 'मैं मोदी के युद्ध की बात कर रहा हूं, क्योंकि शांति का रास्ता आंशिक रूप से नई दिल्ली से होकर गुजरता है।' यह नहीं, नवारो ने भारत को टैरिफ पर ब्लैकमेल करने की भी कोशिश की है।

टैरिफ पर ब्लैकमेल की कोशिश

अमेरिका भारत को लंबे समय से टैरिफ को लेकर ब्लैकमेल करने की कोशिश कर रहा है। अब पीटर नवारो ने कहा है कि अगर भारत अपना रुख बदलता है, तो उसे टैरिफ में राहत मिल सकती है। यह बहुत आसान है। नवारो ने कहा, 'अगर भारत रूसी तेल खरीदना बंद कर दे, तो कल ही 25% टैरिफ कम कर देंगे। नवारो का कहना है कि सस्ता रूसी तेल खरीदकर भारत रूस की सैन्य क्षमता को मजबूत कर रहा है।

पीटर ने कहा- अमेरिकियों को हो रहा नुकसान

पीटर ने आगे कहा, ''भारत जो कर रहा है, उसकी वजह से अमेरिका में हर किसी को नुकसान हो रहा है। ग्राहकों और कारोबारों सभी को नुकसान हो रहा है। भारत के उच्च टैरिफ से अमेरिका में नौकरियों को भी नुकसान पहुंच रहा है। जिससे वर्कर्स और फैक्ट्रियों को भी नुकसान है। और टैक्सपेयर्स को भी नुकसान हो रहा है, क्योंकि हम मोदी के युद्ध को फंड कर रहे हैं।'

भारतीयों को बताया अहंकारी

नवारो ने आगे कहा, "मुझे जो बात परेशान कर रही है, वह यह है कि भारतीय इस मामले में बहुत अहंकारी हैं। वे कहते हैं- अरे, हमारे यहां ज्यादा टैरिफ नहीं हैं। अरे, यह हमारी संप्रभुता है। हम जिससे चाहें तेल खरीद सकते हैं।'' नवारो ने आगे कहा, 'भारत, आप दुनिया में सबसे बड़ा लोकतंत्र हैं, ठीक है। इस तरह काम भी करें।' नवारो का यह इंटरव्यू बताता है कि वे भारत और भारतीयों से कितनी घृणा करते हैं।

ट्रंप के दबाव में नहीं झुकेगा भारत

ऐसा लगता है कि भारत सरकार ने भी ठान लिया है कि वह अमेरिकी दबाव में झुकने वाली नहीं है और ना ही किसी ब्लैकमेलिंग से डरेगी। अमेरिकी धमकियों के बावजूद भारतीय रिफाइनरीज लगातार सस्ता रूसी तेल खरीद रही हैं। हाल ही में रूस में भारत के राजदूत विनय कुमार ने कहा है कि भारत लगातार वहां से तेल खरीदना जारी रखेगा, जहां से उसे बेस्ट डील मिलेगी।

कम हुआ है रूसी तेल पर डिस्काउंट

साल 2021 में भारत अपनी जरूरत का सिर्फ 3 फीसदी तेल रूस से खरीदता था। वहीं, साल 2024 में भारत ने अपनी जरूरत का 35 से 40 फीसदी तेल रूस से खरीदा है। इस साल जनवरी से जुलाई के बीच भारत ने रूस से प्रति दिन 1.73 मिलियन बैरल कच्चा तेल खरीदा है। हालांकि, रूसी तेल पर डिस्काउंट अब काफी कम हो गया है। यह 2022 की शुरुआत में 25 डॉलर प्रति बैरल था। आज यह घटकर 2.50 डॉलर प्रति बैरल रह गया है। मार्जिन घटने से सरकारी रिफाइनरीज ने रूसी तेल की खरीद कम कर दी है। लेकिन रिलायंस इंडस्ट्रीज और नायरा एनर्जी जैसी प्राइवेट रिफाइनरीज आज भी भारी मात्रा में रूसी तेल खरीद रही हैं। भारत के कुल रूसी तेल आयात का 50 फीसदी प्राइवेट रिफाइनरीज खरीद रही हैं।