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ट्रंप ने मोदी को 4 बार कॉल की,आखिर फोन क्यों नहीं उठाया ?

Trump Modi phone call ignored: जर्मन अख़बार FAZ के अनुसार ट्रंप ने पीएम मोदी को हाल ही में चार बार कॉल किया, लेकिन मोदी ने कोई कॉल रिसीव नहीं की।

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भारत

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MI Zahir

Aug 26, 2025

Trump Modi phone call ignored

ट्रंप ने मोदी को 4 बार फोन किया,लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया। (फोटो: एक्स.)

Trump Modi phone call ignored: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ( Donald Trump) को लेकर एक नई चर्चा ने तूल पकड़ लिया है। जर्मन मीडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक, ट्रंप ने हाल के हफ्तों में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ( Narendra Modi) को चार बार कॉल करने की कोशिश की, लेकिन हर बार उनके कॉल्स का जवाब नहीं दिया गया। जर्मनी के प्रतिष्ठित अखबार FAZ (Frankfurter Allgemeine Zeitung) ने दावा किया है कि ट्रंप ने नई दिल्ली में प्रधानमंत्री मोदी से संपर्क करने की भरपूर कोशिश की, लेकिन मोदी ने बात करने से साफ इनकार कर दिया। यह घटनाक्रम कई लोगों को एक 'डिप्लोमैटिक स्नब' (Diplomatic Snub ) यानी कूटनीतिक अपमान जैसा लगा, लेकिन विश्लेषक इसे एक राजनयिक परिपक्वता के रूप में देख रहे हैं। सूत्रों का मानना है कि पीएम मोदी (PM Modi) ने ट्रंप के राजनीतिक एजेंडे को भांप लिया था और इसीलिए उन्होंने दूरी बनाना ही बेहतर समझा।

ट्रंप की पॉलिसियों से भारत क्यों था असहज ?

FAZ की रिपोर्ट के मुताबिक, ट्रंप की कुछ नीतियाँ भारत के लिए चिंताजनक रही हैं:

GM फसलों को भारत में प्रमोट करने का दबाव

अमेरिकी डेयरी प्रोडक्ट्स का भारत में ज़ीरो टैरिफ की मांग, जिसमें मांस-आधारित फीड शामिल है

फोटो-ऑप्स और पब्लिसिटी स्टंट्स में भारत को घसीटना

व्यापार समझौतों में एकतरफा शर्तें थोपना

इन वजहों से भारत ने सतर्कता बरतते हुए ट्रंप के सीधे संपर्क से दूरी बनाए रखी।

ट्रंप और मोदी की पुरानी कैमिस्ट्री में आई दूरी?

एक समय था जब 'Howdy Modi' और 'Namaste Trump' जैसे कार्यक्रमों के ज़रिए दोनों नेताओं की जोड़ी वैश्विक मंच पर खूब सुर्खियां बटोर रही थी। लेकिन जैसे-जैसे अमेरिका में ट्रंप की नीतियों में भारत के खिलाफ दबाव बढ़ा, मोदी सरकार ने स्पष्ट कर दिया कि वह किसी दबाव में नहीं झुकेगी।

राजनयिक चुप्पी या रणनीतिक चाल ?

मोदी द्वारा ट्रंप के कॉल्स का जवाब न देना एक सोच-समझकर लिया गया रणनीतिक कदम माना जा रहा है। यह भारत की स्वतंत्र विदेश नीति और आत्मनिर्भर सोच को दर्शाता है, जहां हर निर्णय देशहित को प्राथमिकता देता है।

क्या यह मामला आगे बढ़ेगा ?

अब जब यह रिपोर्ट सामने आ चुकी है, तो अंतरराष्ट्रीय मीडिया में इसपर बहस छिड़ गई है। अमेरिकी राजनीति से लेकर भारतीय कूटनीति तक, हर जगह यह सवाल पूछा जा रहा है – क्या मोदी ने ट्रंप को नजरअंदाज किया या यह दूरदर्शिता थी?

अब भारत अपने राष्ट्रीय हितों के आधार पर फैसले लेता है

बहरहाल ट्रंप का चार बार फोन करना और मोदी द्वारा रिस्पॉन्ड न करना कोई संयोग नहीं था। यह एक संदेश था – भारत अब किसी की शर्तों पर नहीं, बल्कि अपने राष्ट्रीय हितों के आधार पर फैसले लेता है।

राजनीतिक विश्लेषकों की राय

कई विशेषज्ञों ने मोदी के इस कदम को "कूटनीतिक परिपक्वता" बताया है। उनका कहना है कि भारत ने अमेरिका के दबाव की राजनीति को ठुकरा दिया।

सोशल मीडिया पर चर्चा

ट्विटर और फेसबुक पर यूज़र्स ने इसे "Silent Power Move" करार दिया। एक यूज़र ने लिखा, “मोदी जी ने फोन नहीं उठाया, लेकिन संदेश दुनिया को सुनाई दे गया।”

अमेरिकी मीडिया में हलचल: CNN और New York Times जैसे चैनलों पर भी इस खबर पर बहस देखी गई, जहां इसे भारत की ‘स्वतंत्र विदेश नीति’ का प्रतीक माना गया।

क्या व्हाइट हाउस मांगेगा जवाब?

आने वाले हफ्तों में अमेरिका की तरफ से भारत को औपचारिक स्पष्टीकरण या वार्ता का प्रस्ताव मिल सकता है।

मोदी की चुप्पी का अगला कदम क्या होगा? पीएमओ की ओर से अब तक इस विषय पर कोई अधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है।

कॉल न उठाने के अछूते पहलू

ट्रंप की विदेश नीति पर अन्य देशों की प्रतिक्रिया: ट्रंप की 'अमेरिका फर्स्ट' नीति से सिर्फ भारत नहीं, कई यूरोपीय देश भी असहज रहे हैं।

भारत का उभरता आत्मनिर्भर दृष्टिकोण: इस प्रकरण ने फिर दिखा दिया कि भारत अब "No More Yes-Man Diplomacy" की राह पर है।

जापान और यूरोपीय देशों के साथ बढ़ती भारत की नजदीकी: ऐसे समय में जब ट्रंप भारत पर दबाव बना रहे थे, भारत ने जापान के साथ 10 ट्रिलियन येन के निवेश समझौते की ओर कदम बढ़ा दिया।