Chhindwara Cough Syrup Case: छिंदवाड़ा और पांढुर्ना क्षेत्र में 21 मासूमों की मौत मामले में नया खुलासा हुआ है। परासिया के डॉ. प्रवीण सोनी के अलावा छिंदवाड़ा शहर के दो और कथित डॉक्टरों ने कोल्डिफ सिरप लिखी थी।
Chhindwara Cough Syrup Case: छिंदवाड़ा और पांढुर्ना क्षेत्र में 21 मासूमों की मौत मामले में नया खुलासा हुआ है। परासिया के डॉ. प्रवीण सोनी के अलावा छिंदवाड़ा शहर के दो और कथित डॉक्टरों ने कोल्डिफ सिरप लिखी थी। सिरप पीने के बाद बच्चों की यूरिन बंद हो गई। किडनी फेल होने लगी। इसके बाद अधिकतर को नागपुर रेफर किया गया। यह एसआइटी को पता चला है। एफआइआर में मृत बच्चों के परिजन के बयान, पर्चे और दवाइयों की जब्ती का उल्लेख है। ऐसे में आरोपी बढ़ सकते हैं। उधर, आगे की जांच के लिए दवा कपनी के मालिक रंगनाथन को लेकर एसआइटी तमिलनाडु रवाना हो गई है। पूर्व सीएम कमलनाथ पीड़ित परिजन से मिले। घटनाओं के लिए सरकार को जिम्मेदार ठहराया।
एक मामला ऐसा भी पता चला है, जिसमें परिजन ने सीधे मेडिकल स्टोर से कोल्डिफ खरीदा। सेवन के बाद बच्चे की तबीयत बिगड़ी और हालत गंभीर हो गई। सिरप किस बैच का था और मेडिकल स्टोर को कहां से मिला, इसकी पुष्टि जांच के बाद ही होगी।
मृतकों में अतिया खान, सत्या पवार, पूर्वी अड़माचे, उसैद खान, ऋषिका पिपरे और सेहरिश अली का इलाज अन्य डॉक्टरों ने किया था। गाजनडोह निवासी ऋषभ यादव का इलाज स्थानीय झोलाछाप ने किया था। 14 सितंबर को मौत हुई। छिंदवाड़ा के लहगडुआ निवासी वेदांश काकोड़िया की नागपुर में मौत हुई। इलाज शहर की महिला डॉक्टर ने किया था। उधर, स्वास्थ्य राज्यमंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल ने रविवार को परासिया क्षेत्र में पीड़ित परिजन से मुलाकात की।
औषधि निरीक्षकों ने छिंदवाड़ा के कई मेडिकल स्टोर की जांच की। कफ सिरप के 49 नमूने लिए। अनियमितताएं मिलने पर 7 मेडिकल स्टोर संचालकों को नोटिस दिए।
2 सितंबर से 9 अक्टूबर के बीच 21 मौतों के अलावा परासिया और छिंदवाड़ा में वो और बच्चों की मौत हुई। इनके नाम शासन की सूची में नहीं हैं। परिजन के मुताबिक दोनों की भी तबीयत कोल्ड्रिफ सिरप पीने के बाद बिगड़ी थी।