MP News: कफ सिरप से 22 बच्चों की मौत के मामले में एसआईटी जांच में बड़ा धमाका हुआ है। सप्लायर ने कबूला कि फार्मा ग्रेड की जगह परफ्यूम-सेकेंड ग्रेड केमिकल दवा कंपनी को सप्लाई किया था।
Coldrif Cough Syrup Case: कोल्ड्रिफ कफ सिरप से 22 बच्चों की मौत के बाद चल रही एसआईटी की जांच में सनसनीखेज खुलासा हुआ है। पूछताछ में पकड़े गए केमिकल सप्लायर शैलेष पंड्या (supplier Shailesh Pandya) ने कबूला है कि उसने दवा निर्माण के लिए आवश्यक फार्मा ग्रेड केमिकल (Pharma Grade Chemicals) के स्थान पर सेकेंड ग्रेड का केमिकल सप्लाई कर दिया था। यह वही केमिकल है जिसका उपयोग सामान्यतः परयूम और साबुन जैसी गैर-औषधीय उत्पादों में होता है, जिसकी क्वालिटी जांच भी अनिवार्य नहीं होती। (MP News)
एसआईटी के अनुसार, श्रीसन फार्मास्यूटिकल्स ने सप्लायर पांड्या केमिकल्स से 50 किलो फार्मा ग्रेड केमिकल की मांग की थी। लेकिन फार्मा ग्रेड पैकिंग 215 किलो में उपलब्ध होती है, जिसके चलते आरोपी ने लागत बचाने और आसानी के लिए बाजार से उपलब्ध सेकेंड ग्रेड केमिकल खरीदकर कंपनी को सप्लाई कर दिया।
जांच में यह भी सामने आया है कि दवा निर्माण में उपयोग होने वाले फार्मा ग्रेड कैमिकल की दो बार अनिवार्य जांच होती है। पहली सप्लाई के समय और दूसरी दवा तैयार होने के बाद जबकि परयूम, साबुन में उपयोग होने वाले सेकेंड ग्रेड केमिकल की ऐसी कोई जांच नहीं होती।
कुंडीपुरा पुलिस एक बच्ची की मौत के मामले की अलग से जांच कर रही है। ग्राम ककई की पांच वर्षीय अंबिका विश्वकर्मा की मौत के संबंध में पुलिस ने श्रीसन फार्मास्यूटिकल्स के मालिक रंगनाथन को एक दिन की रिमांड पर लेकर पूछताछ की थी। अब कंपनी की केमिकल एनालिस्ट के. महेश्वरी को रिमांड पर लेने की तैयारी कर चुकी है।
पुलिस के अनुसार सोमवार को के महेश्वरी को न्यायालय में पेश कर रिमांड मांगी जाएगी। पुलिस का कहना है कि मामले से जुड़े सभी आरोपियों को कमवार रिमांड पर लेकर पूछताछ की जाएगी। कुंडीपुरा थाना प्रभारी एसआई महेंद्र भगत के मुताबिक रंगनाथन से पूछताछ पूरी कर ली गई है। अब शेष आरोपियों से भी पूछताछ की जाएगी और दस्तावेज खंगाले जा रहे हैं। (MP News)