mp news: चौथा बच्चा हुआ तो टीचर को नौकरी जाने का डर हुआ और उसने अपने 3 दिन के बच्चे को जंगल में ले जाकर पत्थर के नीचे लावारिस छोड़ दिया...।
mp news: मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा से एक रौंगटे खड़े कर देने वाली घटना सामने आई है यहां एक एक सरकारी शिक्षक ने नौकरी जाने के डर से चौथी संतान होने पर उसे मरने के लिए जंगल में लावारिस छोड़ दिया। महज 3 दिन का नवजात जंगल में करीब 20 घंटे तक तड़पते रहा और मौत से संघर्ष करता रहा। ग्रामीणों ने उसके रोने की आवाज सुनी तो वो उसके पास पहुंचे और फिर पुलिस को खबर दी। पुलिस ने मंगलवार को बच्चे को जंगल में फेंकने वाले माता-पिता को गिरफ्तार कर लिया है। बच्चे की हालत खतरे से बाहर है और उसे शिशु गृह में रखा गया है।
अमरवाड़ा के नांदनवाड़ी गांव में पदस्थ सरकारी टीचर बबलू डांडोलिया ने 23 सितंबर को घर में ही एक बच्चे को जन्म दिया था। बच्चे को जन्म देने के बाद पत्नी की तबीय बिगड़ी तो उसे स्वास्थ्य केन्द्र ले जाया गया। ये टीचर बबलू का चौथा बच्चा था। जब पत्नी की छुट्टी कराकर स्वास्थ्य केन्द्र से 25 तारीख को टीचर बबलू घर लेकर आया तो उसे नौकरी जाने का डर सताने लगा इसलिए उसने पत्नी से बात की और उसके साथ मिलकर 25 सितंबर की ही रात जंगल में ले जाकर अपने 3 दिन के नवजात बच्चे को पत्थरों के नीचे दबा दिया।
नवजात बच्चे को जंगल में पत्थर के नीचे दबाकर टीचर पति पत्नी के साथ घर लौट आया। उधर जंगल में मासूम करीब 20 घंटे तक तड़पड़ता रहा और मौत से संघर्ष करता रहा। जंगल से गुजर रहे कुछ ग्रामीणों को जब बच्चे के रोने की आवाज सुनाई दी तो वो नजदीक पहुंचे तो उनकी नजर बच्चे पर पड़ी। ग्रामीणों की सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची और बच्चे को अस्पताल भेजकर मामले की जांच शुरू की। पुलिस ने पड़ताल की तो पता चला कि टीचर बबलू डांडोलिया की पत्नी ने बच्चे को जन्म दिया था। इस आधार पर टीचर व उसकी पत्नी को बुलाकर पूछताछ की गई तो उन्होंने नौकरी जाने के डर से ऐसा करना कबूल किया। पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया है। डांडोलिया दंपती की पहले से दो बेटियां और एक बेटा है।