Rajasthan News: वित्त विभाग ने नए आदेश जारी करते हुए आरसीसी की छत वाले भवनों की निर्माण लागत 1200 रुपए प्रति वर्ग फीट से बढ़कर 1800 रुपए प्रति वर्ग फीट कर दी है।
चित्तौड़गढ़। राजस्थान में संपत्ति खरीदना अब और महंगा हो गया है। राज्य सरकार ने निर्माण लागत में बढ़ोतरी कर दी है, जिससे मकान, दुकान व व्यावसायिक संपत्तियों की रजिस्ट्री कराना महंगा हो गया है। वित्त विभाग ने नए आदेश जारी करते हुए आरसीसी की छत वाले भवनों की निर्माण लागत 1200 रुपए प्रति वर्ग फीट से 1800 रुपए प्रति वर्ग फीट कर दी है। यानी सीधे-सीधे 600 रुपए प्रति वर्ग फीट की बढ़ोतरी की है। इससे प्रदेश के बड़ी संख्या में लोग प्रभावित होंगे। यह बढ़ोतरी छह साल बाद हुई है और इसका सीधा असर आम खरीदारों और बिल्डर्स पर पड़ेगा। हैडिंग सुझाव
नई दरों के अनुसार मकान, दुकान और व्यावसायिक संपत्तियों की रजिस्ट्री के समय निर्माण लागत के आधार पर स्टांप ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन फीस का भुगतान करना होगा। इससे खरीदारों को अधिक राशि का भुगतान करना पड़ेगा। यह बढ़ोतरी राजस्थान के रियल एस्टेट बाजार पर बड़ा असर डालेगी और खरीदारों को अपनी योजनाओं पर पुनर्विचार करने के लिए मजबूर करेगी। इससे न केवल खरीदारों को अधिक पैसा देना होगा, बल्कि बिल्डर्स को भी अपनी योजनाओं में बदलाव करना पड़ सकता है।
राजस्थान में संपत्ति खरीदने वालों के लिए यह बड़ा झटका है। उन्हें अब अपनी जेब ढीली करनी होगी। सरकार की इस बढ़ोतरी से राजस्व में वृद्धि तो होगी, लेकिन खरीदारों और बिल्डर्स पर इसका क्या असर पड़ेगा, यह देखने वाली बात होगी।
यदि ऐसी कोई जमीन जिस पर सिर्फ बाउंड्रीवाल ही बनी है, तो उसकी निर्माण लागत में बढ़ोतरी की गई है। पहले यह बाउंड्रीवाल की लागत चार सौ रुपए प्रति रंनिग मीटर थी जिससे सौ रुपए बढ़ाकर अब पांच सौ रुपए कर दी है।
राजस्थान सरकार की ओर से निर्माण लागत को 1200 से बढ़ाकर 1800 रुपए प्रति वर्गफीट करने के फैसले से संपत्ति की रजिस्ट्री अब और महंगी हो जाएगी। पहले से मंदी झेल रहे रियल एस्टेट बाजार पर यह बड़ा असर डाल सकता है। 1000 वर्गफीट डबल मंज़िला मकान पर लगभग ड़ेढ़ लाख तक अतिरिक्त रजिस्ट्री खर्च पड़ेगा, जिससे मकानों-दुकानों की कुल लागत बढ़ जाएगी। जहां सरकार ब्याज सब्सिडी देकर राहत देने की कोशिश कर रही है, वहीं निर्माण मूल्य बढ़ने से खरीदारों पर दोहरी मार पड़ सकती है। बिल्डर समुदाय ने सरकार से इस निर्णय पर पुनर्विचार की मांग की है।
-अंकुर अजमेरा, सीए व बिल्डर चित्तौड़गढ़