प्रदेश के 30 जिलों में आदिवासी परिवारों के जीवन स्तर में सुधार के लिए धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान और आदि कर्मयोगी अभियान लागू।
चित्तौड़गढ़। अनुसूचित जनजाति के लोगों के जीवन स्तर में सुधार लाने और उन्हें विकास की मुख्यधारा से जोड़ने के उद्देश्य से राज्य सरकार ने चित्तौड़गढ़ सहित प्रदेश के 30 जिलों में धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान और आदि कर्मयोगी अभियान लागू किया है। इस योजना के तहत चयनित गांवों को आदर्श गांव के रूप में विकसित कर वहां रहने वाले परिवारों तक सरकारी योजनाओं का पूरा लाभ पहुंचाया जाएगा।
इन गांवों का विलेज प्लान सरकार को भेजा जाएगा। इस योजना में प्रदेश के 6019 गांव और चित्तौड़गढ़ जिले के 158 गांव शामिल किए गए हैं। सरकार का लक्ष्य है कि आदिवासी परिवारों की आर्थिक स्थिति को सामान्य से ऊपर उठाकर उनके जीवन में गुणात्मक सुधार किया जाए।
जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग के आयुक्त कन्हैयालाल स्वामी ने योजना की क्रियान्विति के लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देश जारी किए हैं। योजना का उद्देश्य विकास की उन खाइयों को दूर करना है, जिनके कारण जनजातीय परिवार अब भी गरीबी और संसाधनों की कमी से जूझते हैं। इस योजना का आगाज दो अक्टूबर 2024 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने झारखंड के हजारीबाग से किया था।
जनजाति आयुक्त ने अलवर, बांसवाड़ा, बारां, बाड़मेर, भरतपुर, भीलवाड़ा, बूंदी, चित्तौड़गढ़, दौसा, धौलपुर, डूंगरपुर, जयपुर, जैसलमेर, जालोर, झालावाड़, जोधपुर, करौली, कोटा, पाली, प्रतापगढ़, राजसमंद, सवाई माधोपुर, सिरोही, टोंक, सलूम्बर और उदयपुर जिलों के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों को पत्र जारी किया है।
राज्य सरकार ने अनुसूचित जनजाति गांवों के लिए धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान व आदि कर्मयोगी अभियान लागू किया है। इसके तहत चयनित गांवों को आदर्श गांव के रूप में विकसित किया जाएगा, जिसका खाका तैयार कर जल्द सरकार को भेजा जाएगा। चित्तौड़गढ़ जिले के 158 गांवों को इस योजना में शामिल किया गया है।