चित्तौड़गढ़

Chittorgarh News: कृषि भूमि पर आबादी व आराजी बदल कर दिया पट्टा, सरपंच और ग्राम विकास अधिकारी पर मामला दर्ज

Chittorgarh News: बिनायका ग्राम पंचायत में बड़ा मामला सामने आया है। सरपंच और ग्राम विकास अधिकारी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। आ

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Photo- AI

Chittorgarh News: बड़ीसादड़ी । बिनायका ग्राम पंचायत के सरपंच व ग्राम विकास अधिकारी के विरुद्ध ग्राम पंचायत क्षेत्र के दलित व्यक्ति की कृषि भूमि पर अन्य व्यक्ति को पुश्तेनी पट्टा जारी कर अवैध निर्माण करवाने व फरियादी को जातिगत रूप से गालियां देकर अपमानित करने सहित विभिन्न धाराओं में न्यायालय के आदेश पर प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज की गई है।

बिनायका निवासी मांगीलाल मेघवाल ने न्यायालय में प्रार्थना पत्र प्रस्तुत कर आग्रह किया कि उसकी निजी कृषि भूमि बिनायका मेंगांव के रास्ते पर स्थित है। जिसका आराजी संख्या 621 होकर सीमा 1/58 हेक्टेयर है। जिस पर गांव के ही गोविंदनाथ पुत्र भंवरनाथ निर्माण कार्य करने लगा । उसे रोकने पर उसने कहा कि उक्त भूमि पर उसके पास पुश्तेनी पट्टा है ।

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इस पर प्रार्थी ने पट्टे की प्रमाणित प्रतिलिपि प्राप्त की। जिसमें ग्राम पंचायत के सरपंच राजकुमार जाट व ग्राम विकास अधिकारी असलम शाह ने उसकी आराजी की संख्या 621 के बदले 480 कर दी है । उपखण्ड अधिकारी को प्रार्थना पत्र प्रस्तुत कर जांच कराने की मांग की। जिसमे यह सामने आया कि 20 दिसम्बर 2024 को यह पट्टा जारी कर दिया । उक्त जगह पर पुराना मकान बना हुआ बताया ।

इस आधार पर पुश्तेनी पट्टा दिया। 5 मार्च 2025 को इस पट्टे का उप पंजीयक कार्यालय में पंजीयन भी करवा दिया । उपखण्ड अधिकारी ने तहसीलदार को मामले की जांच करने के आदेश दिए। जिस पर तहसीलदार व राजस्व टीम 5 जून 2025 को मौके पर पहुंची व जांच रिपोर्ट में यह पाया गया कि उक्त स्थान पर किसी भी प्रकार की आबादी भूमि रिकॉर्ड में नहीं है। इस स्थान पर गोविंदनाथ का कोई मकान भी नहीं था ।

आराजी संख्या भी गलत बताई और अवैध निर्माण किया है । यहां पंचायत के अधिकार क्षेत्र की भी कोई भूमि नहीं है । जबकि ग्रामपंचायत ने पंचायतीराज अधिनियम 157 के तहत पट्टा दिया । 2 जुलाई 2025 को फरियादी ने थाने पर सभी प्रकार के दस्तावेज व तहसीलदार की रिपोर्ट लेकर प्रथम सूचना दर्ज कराने गया तो सरपंच के प्रभाव में थानेदार ने उसे थाने से भगा दिया। अब यह मामला न्यायालय के आदेश पर दर्ज करवाया गया । मामला अनुसूचित जाति जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम में बनता है इसलिए प्रकरण की जांच पुलिस उपाधीक्षक देशराज कुलदीप स्वयं कर रहे है।

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Updated on:
30 Aug 2025 11:16 am
Published on:
30 Aug 2025 11:15 am
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