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Asia Cup 2025: एक साल में तीन शतक जड़ने के बाद संजू सैमसन के साथ नाइंसाफी, गिल के उप-कप्तान बनने से जगह को खतरा

अभिषेक और सैमसन की सलामी साझेदारी ने इस दौरान 22.25 की औसत से 267 रन बनाए हैं, जिसमें एक ही बार दोनों के बीच 50+ की साझेदारी हुई और इस जोड़ी ने 9.82 की रन रेट से आक्रामक शुरुआत दिलाई है। इतना ही नहीं इन 12 मैचों में 10 बार भारत के सिर जीत का सेहरा बंधा है और इनमें से तीन बार सैमसन (2) और अभिषेक (1) में से कोई प्लेयर ऑफ द मैच रहा है।

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Aug 22, 2025
भारतीय विकेटकीपर-बल्‍लेबाज संजू सैमसन। (फोटो सोर्स: IANS)

एशिया कप 2025 के लिए शुभमन गिल का बतौर उप-कप्तान टी20 टीम में वापसी करना संजू सैमसन की प्लेइंग-11 में जगह पर बड़ा खतरा साबित हो सकता है। अब जब गिल उप-कप्तान हैं तो जाहिर है प्लेइंग-11 में उनका स्थान करीब-करीब तय है, गिल के लिए यह तो अच्छा मौका है लेकिन इसका असर टी20 में भारतीय टीम के संयोजन पर भी पड़ेगा। गिल लाल गेंद में तो पहले नंबर-3 और अब नंबर-4 पर खेलते हैं लेकिन सफेद गेंद में वह एक ओपनर हैं। यानी वह अगर प्लेइंग-11 में आते हैं जिसकी संभावना प्रबल है तो फिर उनके लिए अभिषेक शर्मा या सैमसन में से किसी एक को अपना स्थान देना होगा। भारत के लिए पिछले 12 टी20 से लगातार अभिषेक और सैमसन की जोड़ी ही पारी का आगाज कर रही है।

अभिषेक और सैमसन की सलामी साझेदारी ने इस दौरान 22.25 की औसत से 267 रन बनाए हैं, जिसमें एक ही बार दोनों के बीच 50+ की साझेदारी हुई और इस जोड़ी ने 9.82 की रन रेट से आक्रामक शुरुआत दिलाई है। इतना ही नहीं इन 12 मैचों में 10 बार भारत के सिर जीत का सेहरा बंधा है और इनमें से तीन बार सैमसन (2) और अभिषेक (1) में से कोई प्लेयर ऑफ द मैच रहा है। अभिषेक ने इस दौरान एक तो सैमसन ने तीन शतक भी जड़े हैं। अब ऐसे आंकड़ों के बावजूद इस सलामी जोड़ी को छेड़ना या तोड़ना हैरान जरूर कर सकता है। लेकिन भारतीय टीम के मुख्य चयनकर्ता अजित अगरकर की सोच कुछ अलग है, उन्होंने कहा, "सैमसन पारी का आगाज तब कर रहे थे जब सीनियर खिलाड़ी नहीं खेल रहे थे।" अगरकर का यह बयान इशारा कर रहा है कि गिल के आने के बाद सलामी जोड़ी में बदलाव लगभग तय है।

अब सवाल ये खड़ा होता है कि गिल अगर ओपन करेंगे तो उनके सलामी साझेदार सैमसन होंगे या अभिषेक। टीम मैनेजमेंट के हाल के फैसले और सोच को समझने की कोशिश की जाए तो इसका जवाब ज्यादा मुश्किल नहीं है। एक तो ये कि टीम मैनेजमेंट अब वैसे खिलाड़ियों को तरजीह देती है जो बल्लेबाजी के साथ-साथ गेंदबाजी का भी विकल्प दे सकें। अभिषेक इस श्रेणी में सटीक बैठते हैं क्योंकि वह एक उपयोगी बाएं हाथ के स्पिन गेंदबाज भी हैं। दूसरा उनका मौजूदा फॉर्म और बेजोड़ स्ट्राइक रेट विपक्षी टीम को हक्का बक्का कर देता है। अभिषेक ने भारत के लिए आखिरी टी20 में 54 गेंदों पर 135 रनों की आतिशी पारी खेली थी और फिर गेंदबाजी करते हुए 3 रन देकर 2 विकेट भी झटके थे। ऐसे में गिल के साथ उनका पारी का आगाज करना बेहद मुमकिन हैं, साथ ही बाएं हाथ के बल्लेबाज होने की वजह से गिल के साथ लेफ्ट-राइट का कॉम्बिनेशन भी उनका पलड़ा भारी करता है।

दूसरी तरफ़ संजू सैसमन ने पिछले 10 टी20 में भारत के लिए जरूर तीन शतक लगा चुके हैं, लेकिन आईपीएल 2025 में चोट की वजह से वह आरआर के लिए नौ ही मुकाबले खेल पाए थे। आईपीएल 2025 में सैमसन ने नौ पारियों में एक अर्धशतक के साथ 285 रन ही बनाए थे। इसके अलावा इंग्लैंड के खिलाफ खेली गई आखिरी टी20 सीरीज में उनका प्रदर्शन बेहद साधारण रहा था, उन्होंने पांच पारियों में महज 10.20 की औसत से 51 रन ही बनाए थे। सैमसन उस सीरीज में जोफ्रा आर्चर और दूसरे तेज गेंदबाजों के खिलाफ तेज और शॉर्ट पिच गेंदों पर असहज दिखे थे। ऐसे में गिल के लिए उनका ओपनिंग स्लॉट जा सकता है।

सिर्फ ओपनिंग स्लॉट ही नहीं, सैसमन के लिए अब प्लेइंग-11 में जगह बचाना भी मुश्किल मालूम पड़ता है। गिल और अभिषेक अगर सलामी बल्लेबाज की भूमिका निभाते हैं तो सैमसन के लिए नंबर-3 पर खेलना भी संभव नहीं दिखता, क्योंकि नंबर-3 पर तिलक वर्मा का खेलना करीब-करीब तय है। तिलक ने अपने टी20 करियर में कुल 24 पारियां खेली हैं जिसमें से 13 बार वह नंबर-3 पर ही आए हैं, इतना ही नहीं नंबर-3 पर खेलते हुए उन्होंने 55.37 की बेहतरीन औसत और 169.37 के स्ट्राइक रेट से 443 रन बनाए हैं जिसमें दो शतक और दो अर्धशतक भी शामिल हैं। ऐसे में सैमसन के लिए अब मध्यक्रम या फिनिशर के तौर पर ही खेलने का विकल्प बचता है लेकिन आंकड़े कहते हैं कि सैमसन के लिए नंबर 4 से 7 का स्थान उनके अनुकूल नहीं रहा है। सैमसन ने मध्यक्रम (4-7) में 22 मैचों में 20.40 की औसत और 123.88 के स्ट्राइक रेट से 306 रन ही बनाए हैं जिसमें केवल एक पचासा शामिल है।

सैमसन के लिए ये चुनौती और भी कठिन तब हो जाती है जब दल में जितेश शर्मा के तौर पर एक और विकेटकीपर भी मौजूद है। सैमसन के ठीक उलट जितेश की खासियत है नीचे आकर फिनिशर के तौर पर टीम के लिए आक्रामक रन बनाना। जितेश ने भारत के लिए आखिरी टी20 अफगानिस्तान के खिलाफ जनवरी, 2024 में खेला था। अब तक वह भारत के लिए नौ टी20 खेल चुके हैं और इनमें रन सिर्फ 100 आए हैं लेकिन ये रन उन्होंने नीचे आते हुए 147.05 के स्ट्राइक रेट से बनाए हैं। साथ ही साथ आईपीएल 2025 में उन्होंने रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (आरसीबी) को चैंपियन बनाने में अहम योगदान दिया था। जितेश ने 15 मैचों में 37.28 की औसत और 176.35 के स्ट्राइक रेट से 261 रन बनाए थे। जितेश का नीचे आकर आतिशी अंदाज में पारी को समाप्त करने का हुनर हो सकता है उन्हें सैमसन से ऊपर प्लेइंग-11 में जगह दिला दे।

गिल की वापसी सैमसन के लिए खतरा जरूर लेकिन इसके पीछे टीम मैनेजमेंट की एक सोच ये भी है कि गिल को ऑल फॉर्मेट कप्तान के तौर पर तैयार किया जाए। भारतीय टीम थिंक टैंक कभी भी सभी फॉर्मेट के लिए अलग-अलग कप्तानों में विश्वास नहीं रखता है, लिहाजा आने वाले समय में गिल अगर सभी प्रारुपों के कप्तान बन जाएं तो हैरानी नहीं होगी और उसी कड़ी में ये पहला कदम समझा सकता है।

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