हरमनप्रीत कौर ट्रॉफी लेने के लिए पोडियम पर पहुंची तो उन्होंने आईसीसी चेयरमैन जय शाह के पैर छूने की कोशिश की। हालांकि शाह ने उन्हें ऐसा करने से रोक दिया और ट्रॉफी हरमनप्रीत को सौंपी। लेकिन इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। लोग उन्हें इसके लिए ट्रोल कर रहे हैं।
Harmanpreet Kaur Trolled, Women's World Cup 2025: भारतीय महिला टीम ने वर्ल्ड कप 2025 का खिताब जीतकर इतिहास रच दिया। महिला क्रिकेट के 52 साल के इतिहास में यह पहली बार है, जब भारत ने वर्ल्ड कप जीता है। नवी मुंबई के डीवाई पाटिल स्टेडियम में खेले गए फाइनल मैच में भारतीय टीम ने दक्षिण अफ्रीका को 52 रनों से करारी शिकस्त दी। इस जीत के बावजूद भारतीय कप्तान हरमनप्रीत कौर को सोशल मीडिया पर ट्रोल किया जा रहा है।
जीत की खुशी के बावजूद कप्तान हरमनप्रीत कौर सोशल मीडिया पर ट्रोलिंग की शिकार हो रही हैं। दरअसल जीत के बाद जब हरमनप्रीत कौर ट्रॉफी लेने के लिए पोडियम पर पहुंची तो उन्होंने आईसीसी चेयरमैन जय शाह के पैर छूने की कोशिश की। हालांकि शाह ने उन्हें ऐसा करने से रोक दिया और ट्रॉफी हरमनप्रीत को सौंपी। लेकिन इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। लोग उन्हें इसके लिए ट्रोल कर रहे हैं।
एक यूजर ने लिखा, "जय शाह और हरमनप्रीत की उम्र लगभग बराबर है, फिर पैर क्यों छू रही हैं?" दूसरे ने कहा, "क्या जय शाह के पिता गृह मंत्री होने की वजह से ऐसा कर रही हैं? कोई और कारण समझ नहीं आता।" हालांकि, कुछ यूजर्स ने इसे भारतीय संस्कृति का सम्मान बताते हुए हरमनप्रीत का बचाव किया।
भारत ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी की और 50 ओवर में 7 विकेट गंवाकर 298 रनों का मजबूत स्कोर खड़ा किया। सलामी बल्लेबाज शेफाली वर्मा ने 87 रनों की धुआंधार पारी खेली, जबकि दीप्ति शर्मा ने 58 रनों का योगदान दिया। जवाब में दक्षिण अफ्रीकी टीम 45.3 ओवर में सिर्फ 246 रन पर सिमट गई। कप्तान लौरा वोल्वार्ड्ट ने 98 गेंदों पर 101 रनों की शानदार शतकीय पारी खेली, लेकिन उनकी टीम को कोई साथ नहीं मिला।
भारत की ओर से दीप्ति शर्मा ने 5 विकेट झटके, शेफाली वर्मा ने तीन और श्री चरणी ने एक विकेट लिया। शेफाली वर्मा को प्लेयर ऑफ द मैच चुना गया, जिन्होंने बल्ले और गेंद दोनों से कमाल दिखाया। वहीं, पूरे टूर्नामेंट में शानदार प्रदर्शन के लिए दीप्ति शर्मा को प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट का खिताब मिला।
बता दें भारत इससे पहले 2005 और 2017 में वर्ल्ड कप फाइनल तक पहुंचा था, लेकिन दोनों बार हार का सामना करना पड़ा। इस बार टीम ने न सिर्फ फाइनल जीता, बल्कि पहला वर्ल्ड कप खिताब अपने नाम कर इतिहास बना दिया।