कपिल देव ने कहा, "आजकल 'कोच' शब्द बहुत आम हो गया है। गौतम गंभीर को आप कोच नहीं कह सकते, वह टीम के मैनेजर हो सकते हैं। कोच वह होता है, जिससे मैंने स्कूल और कॉलेज में सीखा। वे लोग मुझे तकनीक सिखाते थे। आज के खिलाड़ी को मैनेज करने की जरूरत है।"
Kapil Dev on Gautam Gambhir: महान ऑलराउंडर और 1983 वर्ल्ड कप विनिंग टीम के कप्तान कपिल देव ने भारतीय टीम के हेड कोच की भूमिका पर बड़ा और सीधा बयान देते हुए कहा है कि आज के समय में कोचिंग कम और खिलाड़ियों को मैनेज करना ज्यादा अहम हो गया है। उनका यह बयान ऐसे वक्त आया है, जब भारत के मौजूदा हेड कोच गौतम गंभीर पर दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ घरेलू टेस्ट सीरीज में 0-2 की हार के बाद सवाल उठ रहे हैं।
भारत को नवंबर में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टेस्ट सीरीज में क्लीन स्वीप का सामना करना पड़ा था। यह एक साल के भीतर दूसरी घरेलू टेस्ट सीरीज हार थी, इससे पहले 2024 में न्यूजीलैंड ने भारत को 0-3 से हराया था। इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स के आईसीसी सेंटेनरी सेशन में बोलते हुए कपिल देव ने कोच शब्द की मौजूदा परिभाषा पर ही सवाल खड़े कर दिए।
कपिल देव ने कहा, "आजकल 'कोच' शब्द बहुत आम हो गया है। गौतम गंभीर को आप कोच नहीं कह सकते, वह टीम के मैनेजर हो सकते हैं। कोच वह होता है, जिससे मैंने स्कूल और कॉलेज में सीखा। वे लोग मुझे तकनीक सिखाते थे। आज के खिलाड़ी को मैनेज करने की जरूरत है।"
उन्होंने आगे कहा कि मौजूदा क्रिकेट में किसी एक व्यक्ति के लिए सभी खिलाड़ियों को कोच करना संभव ही नहीं है। कपिल ने कहा, "आप कैसे किसी लेग स्पिनर या विकेटकीपर को कोच कर सकते हैं? गौतम गंभीर हर किसी के कोच कैसे हो सकते हैं? असल जरूरत मैनेजमेंट की है। एक मैनेजर का काम होता है खिलाड़ियों को भरोसा देना, उन्हें यह महसूस कराना कि 'तुम कर सकते हो।' जब आप मैनेजर होते हैं, तो युवा खिलाड़ी आपको देखते हैं और आपसे आत्मविश्वास लेते हैं।"
पूर्व कप्तान ने अपनी कप्तानी के दौर की सोच भी साझा की और बताया कि वह खराब फॉर्म से जूझ रहे खिलाड़ियों के साथ ज्यादा समय बिताने में विश्वास रखते थे। उन्होंने कहा, "जो खिलाड़ी अच्छा खेल रहा है, उसने शतक बनाया है, उसके साथ मुझे डिनर या ड्रिंक करने की जरूरत नहीं है। मैं उन खिलाड़ियों के साथ बैठना पसंद करता था जो अच्छा प्रदर्शन नहीं कर रहे होते थे। उन्हें आत्मविश्वास देना जरूरी होता है। कप्तान का रोल सिर्फ अपना प्रदर्शन नहीं होता, बल्कि पूरी टीम को साथ लेकर चलना होता है।"
कपिल देव ने यह भी कहा कि अगर सुनील गावस्कर आज के दौर में खेलते, तो वे टी20 क्रिकेट के भी सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज होते। उन्होंने कहा, 'जिन खिलाड़ियों का डिफेंस मजबूत होती है, उनके लिए आक्रमण करना आसान होता है। डिफेंस सबसे कठिन चीज है।'