मोडर्न डे स्पेशलिस्ट रविचंद्रन अश्विन के संन्यास के बाद भारतीय क्रिकेट ऐसे ही एक ऑफ-स्पिनर की तलाश में है। हाल ही में रणजी ट्रॉफी में अपनी गेंदबाजी से चर्चा में आए ऑफ-स्पिनर निखिल कश्यप को संभावित विकल्प माना जा रहा है।
Nikhil Kashyap; Ranji Trophy 2025: भारत ने क्रिकेट की दुनिया को कई वर्ल्ड क्लास ऑफ-स्पिनर दिए है। विश्व क्रिकेट में अश्विन, हरभजन, प्रज्ञान ओझा जैसे नाम छाए रहे। लेकिन अब भारत में उस क्वालिटी के ऑफ-स्पिनरों की कमी दिखाई दे रही है। आधुनिक क्रिकेट में रिस्ट स्पिनरों (wrist-spiners) का दौर बढ़ा है, जिसकी वजह से ओर्थोडॉक्स ऑफ-स्पिनर (orthodox off- spinner) को मौके कम मिल रहे हैं।
मोडर्न डे स्पेशलिस्ट रविचंद्रन अश्विन के संन्यास के बाद भारतीय क्रिकेट ऐसे ही एक ऑफ-स्पिनर की तलाश में है। हाल ही में रणजी ट्रॉफी में अपनी गेंदबाजी से चर्चा में आए ऑफ-स्पिनर निखिल कश्यप को संभावित विकल्प माना जा रहा है। निखिल ने रणजी ट्रॉफी के अपने डेब्यू सीजन में ही 5 मैचों में 24 विकेट लेकर सबको प्रभावित कर दिया है। वह फिलहाल रणजी के इस सत्र में सर्वाधिक विकेट लेने की सूची में नौवें स्थान पर है, जो कि टॉप- 20 में एकमात्र ऑफ- स्पिनर है।
6 फीट 2 इंच लम्बे निखिल को गेंद से उछाल और डिप मिलता है। उनके एक्शन में अग्रेसिव स्ट्राइड है, और वे अपनी लम्बाई का उपयोग करते हुए गेंद में ड्रफ्ट और शार्प टर्न पैदा करते हैं। हरियाणा के रोहतक से आने वाले निखिल ने बचपन से टेनिस बॉल क्रिकेट खेला है जिसमें वे अश्विन की तरह ही कैरम बॉल से बल्लेबाजों को छकाते है। गेंदबाजी की इस कला के बारे में उन्होंने बताया कि यह उन्होंने अश्विन के बॉलिंग के यूट्यूब वीडियो को देखकर सीखी है। उन्होंने कहा, "अश्विन मेरे आइडल है, मैने घंटों तक उनके वीडियो को देखकर सीखा है, वे जादूगर हैं। मुझे गेंदबाजी में वेरिएशन्स बहुत पसंद है, और अश्विन का दाएं हाथ के बल्लेबाजों को छकाना मुझे काफी रोमांचित करता है।"
17 साल की उम्र में पहली बार लेदर बॉल को हाथ में पकड़ने वाले निखिल को टीम में जगह जयंत यादव के पुडुचेरी चले जाने से मिली। निखिल ने बताया कि ऑफ- स्पिनर होना एक चैलेंज है, क्योंकि कप्तान एक ऑफ स्पिनर को तब ही गेंद थमाता है, जब क्रीज पर कोई खब्बू बल्लेबाज हो। अगर विपक्षी टीम दाएं हाथ के बल्लेबाजों से सजी है, तो दोनों छोर से लेफ्ट आर्म स्पिनर को ऑपरेट करते हुए देखा जाता है।
निखिल ने आगे कहा, "मुझे कोई डर नहीं है, दाएं हाथ के बल्लेबाजों को गेंद डालना और फ्लैट पिच पर उनका विकेट लेना मुझे अलग स्तर की संतुष्टि देता है। एक अच्छा स्पिनर किसी भी पिच पर विकेट ले सकता है। मैं खुद को एक विकेट टेकर के रूप में देखता हूं, और हमेशा विकेट के लिए ही जाता हूं। अश्विन को ग्रेट इसिलिए कहा जाता है, क्योंकि वे जहां भी खेले हैं उन्होंने अच्छा प्रदर्शन किया है।"
रविचंद्रन अश्विन के संन्यास के बाद भारतीय क्रिकेट को एक क्वालिटी ऑफ- स्पिनर की तलाश है। टीम में अभी वॉशिंगटन सुंदर को उनके स्थान पर देखा जा रहा है। इसके अलावा तनुष कोटियन को भी एक विकल्प के रूप में तैयार किया जा रहा है। अपने इस बेहतरीन प्रदर्शन से निखिल ने भी भारतीय टीम में अपनी जगह के लिए चयनकर्ताओं का ध्यान अपनी ओर खींचा है। उनमें विकेट लेने की क्षमता है और अपने वेरिएशंस से वे किसी भी बल्लेबाज को परेशानी में डाल सकते है।