Shafali Verma on Sachin Tendulkar: महिला विश्व 2025 के फाइनल में हरफनमौला प्रदर्शन कर भारतीय महिला टीम को जिताने वाली शैफाली वर्मा ने बताया कि वह शानदार प्रदर्शन सचिन तेंदुलकर की प्रेरणा की वजह से कर पाई हैं।
Shafali Verma on Sachin Tendulkar: शैफाली वर्मा ने नवी मुंबई के डीवाई पाटिल स्टेडियम में महिला विश्व कप 2025 के फाइनल में इतिहास रच दिया है। उन्होंने 87 रनों और 2 महत्वपूर्ण विकेटों के शानदार प्रदर्शन के दम पर दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 52 रनों के साथ भारत को पहला आईसीसी महिला विश्व कप खिताब जिताने में अहम भूमिका निभाई। इस उम्दा प्रदर्शन के लिए उन्हें प्लेयर ऑफ द मैच के खिताब से नवाजा गया। इसके साथ ही वह 21 साल और 279 दिन की उम्र में पुरुष और महिला क्रिकेट दोनों में विश्व कप सेमीफाइनल या फाइनल में प्लेयर ऑफ द मैच बनने वाली सबसे कम उम्र की खिलाड़ी बन गई हैं।
इस ऐतिहासिक जीत से देश में महिला क्रिकेट के विकास पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ने की उम्मीद है। शैफाली की 87 रनों की पारी ने महिला विश्व कप फाइनल में किसी भारतीय का सर्वोच्च स्कोर का नया रिकॉर्ड बनाया। इसके साथ ही उन्होंने पूनम राउत के 2017 के फाइनल में इंग्लैंड के खिलाफ 86 रनों के पिछले रिकॉर्ड को पीछे छोड़ दिया। एक साथ इतनी उपलब्धियां हासिल करने के बाद शैफाली ने कहा कि मैंने शुरुआत में कहा था कि भगवान ने मुझे यहां कुछ अच्छा करने के लिए भेजा है। जीत से बहुत खुश हूं और मैं इसे शब्दों में बयां नहीं कर सकती।
शैफाली ने कहा कि यह मुश्किल था, लेकिन मुझे खुद पर भरोसा था कि अगर मैं शांत रहूं तो मैं सब कुछ हासिल कर सकती हूं। मेरे माता-पिता, मेरे दोस्त, मेरा भाई और सभी ने मेरा साथ दिया और मुझे यह समझने में मदद की कि कैसे खेलना है? यह मेरी टीम और मेरे लिए बहुत जरूरी था और मैं बस अपनी टीम को जीत दिलाना चाहती थी।
उन्होंने बताया कि मेरा दिमाग साफ था और मैंने अपनी योजनाओं पर काम किया। मुझे बहुत खुशी है कि मैं उन पर अमल कर पाई और स्मृति दी और हरमन दी, सभी ने मेरा साथ दिया। उन्होंने मुझे बस अपना खेल खेलने के लिए कहा और जब आपको वह स्पष्टता मिल जाती है तो बस वही चाहिए होता है। यह बहुत ही यादगार पल है।
शैफाली ने स्टेडियम में क्रिकेट के दिग्गज सचिन तेंदुलकर की मौजूदगी को लेकर खुलासा करते हुए कहा कि जब मैंने सचिन तेंदुलकर देखा तो मुझे बहुत प्रोत्साहन मिला। मैं उनसे बात करती रहती हूं और वे मुझे आत्मविश्वास देते रहते हैं। वे क्रिकेट के उस्ताद हैं और हम उन्हें देखकर ही प्रेरित होते रहते हैं। विश्व कप में मेरा प्रदर्शन भी उनकी प्रेरणा से ही आया।