क्राइम

सभी थानों में दर्ज होंगे साइबर मामले

बढ़ती ऑनलाइन धोखाधड़ी के चलते सभी पुलिस थानों में साइबर मामले दर्ज करने और जांच करने का निर्णय लिया गया है। इसके लिए सभी थानों को सुसज्जित किया जा रहा है, अब जनता को साइबर संबंधी मामलों के लिए साइबर थाने जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी।

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May 30, 2024
सभी थानों में दर्ज होंगे साइबर मामले

साइबर पर दबाव कम करने, असरदार जांच के लिए की कार्रवाई


मेंगलूरु. बढ़ती ऑनलाइन धोखाधड़ी के चलते सभी पुलिस थानों में साइबर मामले दर्ज करने और जांच करने का निर्णय लिया गया है। इसके लिए सभी थानों को सुसज्जित किया जा रहा है, अब जनता को साइबर संबंधी मामलों के लिए साइबर थाने जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
सभी जिला पुलिस कार्य क्षेत्रों में एक सेन (साइबर, आर्थिक और नारकोटिक) पुलिस थाना है। जहां पुलिस कमिश्नरेट है वहां नगर सेन थाना भी होता है। अब तक साइबर मामले सिर्फ सेन थाने में ही दर्ज कर जांच किए जाते थे परन्तु जैसे-जैसे मामलों की संख्या काफी बढ़ रही है, सेन थाने दबाव में हैं। साथ ही जनता को अपनी शिकायत दर्ज कराने के लिए सेन थाने में जाना पड़ता है। इसके चलते साइबर पुलिस थाने के साथ-साथ अन्य स्थानीय थानों में भी शिकायत दर्ज करने की अनुमति दी गई है।

रखरखाव के लिए तैयार


इस बारे में पुलिस आयुक्त अनुपम अग्रवाल ने कहा कि सभी पुलिस थानों के अधिकारियों और कर्मचारियों को भी साइबर विशेषज्ञों, साइबर थाने के अधिकारियों की ओर से प्रशिक्षित किया गया है। मेंगलूरु पुलिस कमिश्नरेट में साइबर मामलों में बढ़ोतरी के चलते सेन थाने में अधिकारियों और कर्मचारियों की संख्या बढ़ा दी गई है। अन्य पुलिस थानों को भी साइबर मामले दर्ज कर जांच करने का निर्देश दिया गया है। नवनियुक्त पीएसआई को कम से कम 2 साइबर मामलों की जांच अनिवार्य रूप से करने का आदेश दिया गया है।

असली अधिकारी बैंक की जानकारी नहीं मांगता


पुलिस आयुक्त ने कहा कि साइबर धोखाधड़ी के बारे में वीडियो, बुकलेट के माध्यम से महिलाओं, वरिष्ठ नागरिकों सहित जनता के बीच जागरूकता पैदा की जाएगी। जनता को आसानी से पैसा कमाने के लालच में नहीं फंसना चाहिए। सीमा शुल्क, आयकर, सीबीआई सहित कोई भी अधिकारी फोन या ई-मेल पर बैंक खाते की जानकारी नहीं मांगते हैं। धोखाधड़ी की सूचना तुरंत नजदीकी पुलिस थाना या 1930 हेल्पलाइन पर देनी चाहिए।

बड़े मामलों के लिए सेन


दक्षिण कन्नड़ के जिला पुलिस अधीक्षक सीबी ऋष्यंत ने कहा कि बेहद जटिल और बड़े पैमाने के साइबर मामलों को छोडक़र बाकी सभी मामलों को स्थानीय थाने में दर्ज कर जांच करने का निर्देश दिया गया है। साइबर विशेषज्ञों की ओर से उचित प्रशिक्षण भी दिया गया है। साइबर ठगी होते ही जनता स्थानीय थाने में शिकायत करा सकती है।
उडुपी जिला पुलिस अधीक्षक डॉ. के. अरुण ने कहा कि उडुपी जिले में भी सिर्फ सेन थाना ही नहीं बल्कि अन्य थानों में भी साइबर से संबंधित मामला दर्ज कर जांच के आदेश दिए गए हैं।

20 फीसदी रकम बरामद की


साइबर मामलों की प्रभावी और त्वरित जांच, सभी पुलिसकर्मियों को साइबर मामलों में अनुभव प्राप्त करने और जनता को त्वरित प्रतिक्रिया प्रदान करने के लिए न केवल सेन बल्कि अन्य सभी थानों में भी साइबर मामले दर्ज कर उनकी जांच की जाएगी। इसके लिए दिशानिर्देश (एसओपी) जारी किए गए हैं। धोखाधड़ी के बारे में पता चलते ही 1930 हेल्पलाइन और पुलिस को सूचित करने पर खोए हुए पैसे वापस पाना संभव है। इस प्रकार से जालसाजों के खाते से 20 फीसदी रकम बरामद की गई है।
-अनुपम अग्रवाल, पुलिस आयुक्त, मेंगलूरु

ढाई साल में 285 मामले दर्ज

मेंगलूरु कमिश्नरेट में ढाई साल में 285 साइबर अपराध के मामले दर्ज किए गए हैं। पार्ट टाइम नौकरी के नाम पर 72 धोखाधड़ी के मामले सामने आए हैं। वैवाहिक/उपहार धोखाधड़ी के संबंध में 58 मामले दर्ज किए गए हैं। निवेश धोखाधड़ी के 10 मामले और डेबिट/क्रेडिट कार्ड/टीपी धोखाधड़ी के 26 मामले दर्ज किए गए हैं।

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