MP News: मध्य प्रदेश के दमोह में सड़कों पर घूमते निराश्रित गायों के लिए 520 एकड़ में देश का सबसे बड़ा गोवंश वन्य विहार बन रहा है। जहां 8 हजार से अधिक गायें सुरक्षित रहेंगी।
Cattle Wildlife Sanctuary: सड़कों पर घूमते निराश्रित मवेशियों को आश्रय (cows shelter) देने के उद्देश्य से दमोह में गोवंश वन्य विहार बनाने की तैयारी शुरु हो गई है। इसे प्रदेश का सबसे बड़ा गोवंश वन्य विहार बताया जा रहा है, क्योंकि यह 520 एकड़ में बनाया जाना प्रस्तावित किया गया है। इसके लिए विभाग ने जमीन चिन्हांकन से लेकर तमाम दस्तावेजी प्रक्रिया पूरी कर ली गई हैं। शासन स्तर पर सभी स्वीकृतियां मिलने के बाद अब इसका टेंडर भी जारी हो चुका है। ऐसे में नए साल तक गोवंश वन्य बिहार काम शुरु हो सकता है। (mp news)
दमोह में बनने वाले इस प्रोजेक्ट के लिए लगातार एक साल से काम चल रहा है। जिसमें सीतानगर, कल्याणपुरा, रानगिर सहित चार गांवों से लगी करीब ५२० एकड़ जमीन चयनित हो चुकी है। पहले करीब 700 एकड़ जमीन पर इसे बनाने का प्रस्ताव था, लेकिन सभी सर्वे आदि होने के बाद 520 एकड़ को ही फाइनल किया गया है। जमीन चयनित होने, अधिकारियों के सर्वेक्षण और सभी दस्तावेजों के सही होने पर शासन ने भी इसे मंजूरी दे दी थी। पशु पालन मंत्रालय, सीएम भी इस काम को हरी झंडी दे चुके हैं। (mp news)
सीतानगर क्षेत्र की जिस भूमि को इसके लिए चिन्हित किया गया है। वहां सुनार नदी है। उक्त जमीन का अधिकांश हिस्सा सुनार नदी के किनारे ही होगा। इसके अलावा चरनोई के लिए आसपास बहुत जमीन है। यहां तक पहुंचने के लिए मार्ग भी है। यहां गोवंश वन्य विहार बनने पर आसपास के ग्रामीणों को रोजगार भी उपलब्ध होगा। (mp news)
पशु चिकित्सा विभाग के अनुसार गोवंश वन्य विहार में 8 हजार से अधिक गोवंश को रखने की क्षमता रहेगी। पशु पालन विभाग के आंकड़ों के अनुसार जिले में करीब 8 हजार गौवंश निराश्रित है। जो सड़कों पर दिखाई देते हैं। इसे ही ध्यान में रखते हुए गोवंश वन्य विहार की जमीन का चिन्हांकन किया गया है। दावा है कि इसके बनने के बाद जिले में एक भी निराश्रित गोवंश सड़क पर नजर नहीं आएगा। (mp news)
गोवंश वन्य विहार की सभी कागजी कार्रवाई हो चुकी है। इसका टेंडर भी जारी हो चुका है। जल्द ही सीतानगर में गौवंश वन्य बिहार बनेगा। निराश्रित गोवंश के सड़कों पर होने के सवाल सामने आ रहे थे। इसमें 7 से 8 हजार निराश्रित गोवंश को रखा जा सकेगा।- लखन पटेल, मंत्री पशु पालन विभाग