Bee Attack: मृतक के भाई शिवप्रसाद नरेटी और ग्रामीण अनिल सिन्हा ने कहा कि समय रहते सही इलाज और हायर सेंटर रेफर कर दिया जाता, तो अंजुमराम की जान बच सकती थी।
Bee Attack: हाहालद्दी गांव में शुक्रवार सुबह मधुमक्खियों ने खेत में काम कर रहे एक किसान पर बुरी तरह हमला कर दिया। परिजन किसी तरह उन्हें अस्पताल ले गए। यहां इलाज के दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया। परिवार ने अस्पताल स्टाफ पर सही इलाज न करने और समय रहते हायर रेफर सेंटर न भेजने के आरोप लगाए हैं। वहीं, अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि मृतक के भाई ने ही खुद उसे रेफर करने से मना कर दिया था।
मिली जानकारी के मुताबिक, 50 साल के अंजुमराम नरेटी शुक्रवार को अपने खेत पर काम करने गए थे। सुबह करीब 10 बजे मधुमक्खियों के हमले मधुमक्खियों ने उन पर हमला कर दिया। परिजनों और ग्रामीणों ने अंजुमराम को घायल अवस्था में दुर्गूकोंदल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में 11 बजे तक भर्ती करवा दिया। यहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। परिजनों और ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि अंजुमराम की मौत डॉक्टरों की लापरवाही से हुई है।
मृतक के भाई शिवप्रसाद नरेटी और ग्रामीण अनिल सिन्हा ने कहा कि समय रहते सही इलाज और हायर सेंटर रेफर कर दिया जाता, तो अंजुमराम की जान बच सकती थी। उनके अनुसार, अस्पताल में न तो दवाइयों का पर्याप्त इंतजाम था और न ही डॉक्टरों ने समय पर गंभीरता दिखाई। उन्होंने ड्यूटी पर मौजूद डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
Bee Attack: वहीं इस पर डॉ. अल्का मरकाम ने बयान दिया कि अंजुमराम को 11 बजे भर्ती किया गया था। उन्हें तुरंत आईएम इंजेक्शन दिया गया। शरीर में सूजन अधिक होने के कारण आईवी इंजेक्शन नहीं लगाया जा सकता था। स्थिति गंभीर होते देख मरीज को तुरंत जिला अस्पताल के लिए रेफर भी कर दिया था। उस समय एंबुलेंस भी उपलब्ध थी, लेकिन अंजुम के भाई ने इससे से मना कर दिया। उनका कहना था कि मैं अकेला हूं। बाहर नहीं ले जा सकता।