CG News: नक्सल प्रभावित कांडलापर्ती क्षेत्र में 30 साल बाद प्रशासन पहुंचा। सुरक्षा घेरे में आयोजित सेचुरेशन शिविर में 93 आवेदन लिए गए और 32 मामलों का मौके पर समाधान हुआ।
CG News: नक्सल प्रभावित और अत्यंत संवेदनशील माने जाने वाले कांडलापर्ती नेशनल पार्क क्षेत्र में 30 साल बाद प्रशासन की ऐतिहासिक एंट्री दर्ज हुई। शुक्रवार को सुरक्षा बलों की कड़ी सुरक्षा के बीच आयोजित सेचुरेशन शिविर ने इस बीहड़ वनांचल में नए भरोसे की नींव रखी।
वर्षों से विकास की मुख्यधारा से कटे ग्रामीण पहली बार अपनी दहलीज पर अफसरों को देख भावुक और उत्साहित नजर आए। शिविर में 93 आवेदन प्राप्त हुए, जिनमें से 32 का निराकरण मौके पर ही कर दिया गया। यह पहला अवसर है जब ग्रामीणों के लंबे समय से लंबित कार्य वहीं निपटा दिए गए। प्रशासन का यह कदम कांडलापर्ती-पीलूर क्षेत्र में बदलाव की नई शुरुआत माना जा रहा है।
11 ग्रामीणों के नए बैंक खाते खोले गए
मनरेगा के 20 नए जॉब कार्ड बनाए गए
महिलाओं ने महतारी वंदन योजना के लिए बड़ी संख्या में आवेदन दिए
नक्सल प्रभावित क्षेत्र में इन योजनाओं का विस्तार महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
शिविर को लेकर ग्रामीणों में खासा उत्साह देखा गया। पहली बार लोगों को सीधे अधिकारियों के सामने अपनी समस्याएँ रखने का अवसर मिला। ग्रामीणों का मानना है कि यदि ऐसे शिविर नियमित रूप से आयोजित होते रहें, तो विकास की रोशनी इस दुर्गम जंगल और कठिन भूगोल वाले इलाके तक भी पहुँच सकेगी।
CG News: कांडलापर्ती डॉ और पीलूर के ग्रामीणों ने मोबाइल नेटवर्क की समस्या को क्षेत्र की सबसे गंभीर समस्या बताते हुए कहा कि नेटवर्क न होने से बच्चों की पढ़ाई, सरकारी योजनाओं का लाभ, ऑनलाइन सेवाएं, और दैनिक संचार सब बाधित होता है। इस पर एसडीएम यशवंत नाग ने बताया कि टावर स्थापना के लिए एसडीओ को पत्र भेज दिया गया है और इसे प्राथमिकता के साथ आगे बढ़ाया जाएगा।
शिविर के बाद प्रशासनिक दल पीलूर और कांडलापर्ती-2 स्थित नवीन सुरक्षा कैंपों तक पहुँचा। नक्सल गतिविधियों से घिरे इन क्षेत्रों में कैंप खुलने के बाद पहली बार अधिकारी जमीनी स्थिति का आकलन करने पहुँचे। दल ने सुरक्षा, स्वास्थ्य व जनसुविधाओं की व्यवस्था की विस्तृत समीक्षा की।