दंतेवाड़ा

CG News: NMDC मानसून में बाढ़ से बचने कर रहा युद्ध स्तर पर तैयारी, दिन-रात चल रहा काम

CG News: एनएमडीसी किरंदुल प्रबंधन ने पिछली चूक से सीख लेते हुए इस बार 11सी खदान को दो भागों में बाँटा है। इससे बारिश का करीब 65त्न पानी धोभिघाट व हरीघाटी होते हुए इंटेक वेल तक डायवर्ट होगा।

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एनएमडीसी किरंदुल प्रबंधन (Photo source- Patrika)

CG News: 21 जुलाई 2024 को आई आफ़त की बारिश ने एनएमडीसी की नींव को हिला कर रख दिया। लौह अयस्क 11सी की खदानों से बंड तोड़कर नगर में पहाड़ियों के रास्ते आया लोहचूर्ण (ब्लू डस्ट) के सैलाब ने सब कुछ तहस-नहस कर दिया। एनएमडीसी ने इसके एवज़ में पीड़ितों को 4.50 करोड़ का मुआवज़ा दिया। इसके साथ-साथ जहाँ-जहाँ ब्लू डस्ट घुसा था, वहां 500 मज़दूरों और अपने पूरे अधिकारियों को लगवाकर साफ़ करवाया गया।

बबलू सिद्दीकी, उपाध्यक्ष, नपा किरंदुल: एनएमडीसी ने पिछली घटना से सबक लेकर बेहतरीन तैयारी शुरू की है। इस बार पहले जैसी तबाही की संभावना नहीं दिख रही, बाकी ईश्वर की मर्ज़ी सर्वोपरि है।

CG News: पूरी प्रक्रिया पर नज़र

कुणाल दुदावत, कलेक्टर: बारिश से पहले सभी ज़रूरी तैयारियाँ पूरी कर ली जाएँगी। जहाँ-जहाँ नाले टूटे हैं, वहाँ मरम्मत जारी है। खदानों में भी काम लगातार हो रहा है। मैं खुद पूरी प्रक्रिया पर नज़र बनाए हुए हूँ।

एनएमडीसी किरंदुल प्रबंधन ने पिछली चूक से सीख लेते हुए इस बार 11सी खदान को दो भागों में बाँटा है। इससे बारिश का करीब 65त्न पानी धोभिघाट व हरीघाटी होते हुए इंटेक वेल तक डायवर्ट होगा। इसके लिए 11सी खदान में लंबा-चौड़ा नाला खोदकर 40 मीटर और 15-15 मीटर के लंबे कलवर्ट बॉक्स बनाए गए हैं, जिससे खदानों का पानी डायवर्ट होकर इंटेक वेल में जाए।

पिछले साल जहाँ से बंड टूटा था, उस स्थान पर 50 मीटर चौड़ी और 6 मीटर ऊँची लोहे की जाली से बेंडिंग करके दीवार बनाया गया है । मजबूत वॉल जगह-जगह बनाए जा रहे हैं, जिससे चाहे जितनी भी बारिश हो, लौह अयस्क पहाड़ियों के रास्ते शहर में न जा पाए।

दिन-रात चल रहा काम

एनएमडीसी परियोजना के मुख्य महाप्रबंधक संजीव साही के नेतृत्व में आधा दर्जन ठेकेदार और भारी मशीनरी के साथ युद्धस्तर पर काम किया जा रहा है। साप्ताहिक अवकाश में भी काम जारी है, और मजदूरों के लिए भोजन की व्यवस्था भी वहीं कैंटीन में की गई है।

बारिश के साथ ब्लू डस्ट

CG News: एनएमडीसी 11सी खदानों में जो ब्लू डस्ट के पहाड़ है उनको 12-12 मीटर के बेंच काटे गए हैं, उनके नीचे भी दो बड़े-बड़े 50-50 मीटर लंबे गड्ढे खोदे गए है उसमें लोहे की जाली लगाकर तालाब नुमा सम बनाया गया है। अगर ऊपर बेंच से बारिश के साथ ब्लू डस्ट बहकर आता भी है तो वह इस तालाब में इकट्ठा हो जाएगा, आगे नहीं बढ़ेगा।

सम में अधिक पानी भरने पर दो पंप भी लगाए जा रहे हैं, जो पानी को दूसरी तरफ फेंक सकें और नीचे जाने न दें। चेक डेम नंबर 6 को पूरी तरह खाली कर दिया गया है, और पहाड़ियों के नीचे रिटर्निंग वॉल बनाई गई है। इससे खदान से बहकर आने वाला मलबा वहीं रुक जाएगा।

Published on:
03 Jun 2025 03:01 pm
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