Rajasthan Tourism: राजस्थान के दौसा जिले में स्थिति पर्यटन स्थल आभानेरी की ऐतिहासिक चांदबावड़ी पर विदेशी सैलानियों की आवाजाही बढ़ गई है।
Rajasthan Tourism: मौसम में बदलाव और सर्दी की दस्तक के साथ ही पर्यटन स्थल आभानेरी की ऐतिहासिक चांदबावड़ी और हर्षद माता मंदिर पर विदेशी सैलानियों की आवाजाही बढ़ गई है। सुबह से लेकर देर शाम तक देशी-विदेशी पर्यटक यहां भ्रमण करते नजर आ रहे हैं।
आठवीं-नौवीं सदी में निर्मित पत्थर की नक्काशीदार प्रतिमाएं और बावड़ी की अनूठी संरचना विदेशी पावणों को खासा आकर्षित कर रही है। कई सैलानी प्रतिमाओं को केनवास पर उतारते और कैमरे में कैद करते दिखाई दिए।
सूत्रों के अनुसार, सितंबर 2025 में करीब 10 हजार 700 पर्यटक पहुंचे, जिनमें 49 सौ विदेशी और 58 सौ भारतीय सैलानी थे। प्रतिदिन औसतन तीन सौ से अधिक सैलानी यहां पहुंच रहे हैं। 29 अक्टूबर को 225 भारतीय और 320 विदेशी सैलानी आए।
इससे सरकार की राजस्व आय में भी वृद्धि हो रही है। विदेशी पर्यटकों के प्रवेश पर 300 रुपये (ऑनलाइन 250) और भारतीयों के लिए 25 रुपए (ऑनलाइन 20) शुल्क निर्धारित है।
आभानेरी की चांदबावड़ी देश-विदेश में अपनी ऐतिहासिक और स्थापत्य कला के लिए प्रसिद्ध है। यहां कई हॉलीवुड और बॉलीवुड फिल्मों की शूटिंग हो चुकी है।
सैलानियों को आकर्षित करने के लिए प्रतिवर्ष आभानेरी उत्सव भी आयोजित किया जाता है। राजस्थान के दौसा जिले में स्थित चांदबावड़ी दुनिया की सबसे गहरी बावड़ी है। कहा जाता है कि इसे भूतों ने एक रात में बना दिया था।
ग्रीस की पर्यटक मरीना ने कहा कि सरकार को पर्यटन स्थल के विकास और ठहरने की सुविधाओं पर ध्यान देना चाहिए। कोनसवातीनो ने कहा कि जयपुर-आगरा और जयपुर-अलवर मार्ग के बीच स्थित इस स्थल पर खान-पान और मनोरंजन की सुविधाएं बढ़ाई जानी चाहिए।
अगेलीना ने कहा कि रात्रि विश्राम की सुविधा नहीं होने से सैलानियों को शाम तक लौटना पड़ता है, जबकि विदेशी पर्यटक अग्रिम ऑनलाइन बुकिंग करना पसंद करते हैं।
व्यापारी मनफूल सकरेला ने बताया कि सैलानियों की संख्या बढ़ने से स्थानीय दुकानों पर रौनक बढ़ी है। विदेशी पर्यटक मिट्टी के बर्तन, हैंडीक्राफ्ट और अन्य वस्तुएं खरीदना पसंद करते हैं।
उन्होंने कहा कि यदि सरकार इस पर्यटन स्थल के विकास की ठोस योजना बनाए तो राजस्व आय के साथ ही स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर भी मिलेंगे।