देवरिया जिले के सलेमपुर तहसील में तैनात लेखपाल आशीष कुमार का शव शनिवार सुबह पोस्टमार्टम के बाद उनके पैतृक गांव बरवा पहुंचा। शव पहुंचते ही परिजनों ने अंतिम संस्कार करने से इनकार कर दिया।
रविवार की भोर में जिले के सलेमपुर तहसील में तैनात लेखपाल का शव पोस्टमार्टम के बाद गांव बरवा पहुंचा। जैसे ही घर पर शव पहुंचा परिजनों ने सरकारी कार्य में दबाव के कारण लेखपाल की मौत होने का आरोप लगाने लगे और मौके पर डीएम को बुलाने की जिद करने लगे। परिजन और साथी लेखपालो का कहना है कि जब तक दोषियों पर कार्रवाई करने का आश्वासन मौके पर आकर डीएम नहीं देती है, तब तक वह शव का अंतिम संस्कार नहीं करेंगे।
जैसा कि मालूम हो सलेमपुर विकास खंड के बरवा गांव के रहने वाले आशीष कुमार सलेमपुर तहसील में लेखपाल थे और लार सर्किल में उनकी तैनाती थी। SIR के कार्य में उनकी भी ड्यूटी लगी थी। शुक्रवार को उनकी तबीयत अचानक बिगड़ गई। इसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां शनिवार की शाम उनकी मौत हो गई। मेडिकल कालेज गोरखपुर में पोस्टमार्टम के बाद उनका शव भोर में गांव पहुंचा।
घर पर शव पहुंचते ही परिजनो ने चीख पुकार मचाना शुरू कर दिया। SDM दिशा श्रीवास्तव, तहसीलदार अलका सिंह समेत अन्य अधिकारी भी पहुंचे। सांत्वना देने के बाद शव का अंतिम संस्कार करने की बात कहने लगे। इस पर परिजन व साथी लेखपाल अंतिम संस्कार करने से मना कर दिए। लेखपालों का कहना था कि आशीष की ड्यूटी SIR में लगी थी। दबाव के चलते उसकी तबीयत बिगड़ी है और मौत हुई है। DM आएं और दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई, एक करोड़ मुआवजा, सरकारी नौकरी की घोषणा करें, तभी शव का अंतिम संस्कार होगा।
एसडीएम, तहसीलदार मनाने में जुटी है। लेकिन कर्मचारी व परिजन उनकी बात मानने से इनकार कर दिए हैं। लेखपाल के दरवाजे पर अधिकारी पहुंचे और शव के जाने के लिए समझाने लगे। इस पर ग्रामीण आक्रोशित हो गए और हंगामा करने लगे और अधिकारियों पर आक्रोशित हो गए और वहां से भाग जाने के लिए भी कहा। हालांकि एसडीएम दिशा श्रीवास्तव किसी तरह उन्हें समझा बुझाकर शान्त की और जिलाधिकारी के मौके पर आने की बात कही। फिलहाल मौके पर अधिकारी परिजनों को समझाने में जुट हुए हैं।