Bhojshala Controversy: भोजशाला में माता की पेंटिंग को लेकर विवाद भड़क गया। ASI और हिंदू संगठनों के बीच टकराव से माहौल तनावपूर्ण हो गया। हिन्दू संगठन ने बड़े प्रदर्शन की चेतावनी दी है।
Bhojshala Controversy: मध्यप्रदेश के धार में स्थित ऐतिहासिक और संवेदनशील स्थल भोजशाला या कमाल मौला मस्जिद एक बार फिर विवादों के केंद्र में खड़ा हो गया है। मंगलवार सुबह पूजा और हनुमान चालीसा के लिए पहुंचे हिंदू समुदाय को तब जोरदार विरोध का सामना करना पड़ा जब पुरातत्व विभाग (ASI) ने मां वाग्देवी के नए तेल चित्र (Goddess Vagdevi painting) को परिसर में ले जाने से मना करते हुए उसे जब्त कर लिया। इस कार्रवाई के बाद परिसर के बाहर माहौल अचानक तनावपूर्ण हो गया। (mp news)
ASI अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि परिसर में किसी भी प्रकार की नई धार्मिक सामग्री या प्रतीक ले जाने की अनुमति नहीं है। विभाग का कहना था कि यह क्षेत्र राष्ट्रीय धरोहर है और इसके संरक्षण से जुड़े सख्त नियम लागू हैं। वहीं हिंदू संगठनों ने इसे धार्मिक स्वतंत्रता में हस्तक्षेप बताया और कहा कि बिना किसी चर्चा और सूचना के की गई यह कार्रवाई अपमानजनक है।
सकल हिंदू समाज और भोज उत्सव समिति के सदस्यों ने आरोप लगाया कि प्रशासन और ASI दोहरे मापदंड अपना रहे हैं। उनका कहना है कि उर्स की तैयारियों के नाम पर परिसर में बिना अनुमति रंगाई-पुताई की जा रही है, जबकि हिंदू पक्ष को पूजन से रोकना जानबूझकर किया गया कदम है। समिति अध्यक्ष ने चेतावनी देते हुए कहा कि हम शांतिपूर्ण सत्याग्रह कर रहे थे। चित्र बदलना अपराध नहीं। यदि जब्त चित्र वापस नहीं किया गया तो विरोध और उग्र होगा।
परिसर के बाहर नारेबाजी और विरोध के चलते पुलिस बल तैनात किया गया। प्रशासन को आशंका है कि यदि समाधान जल्द नहीं निकला तो स्थिति भड़क सकती है। सबसे बड़ी चुनौती वसंत पंचमी को लेकर सामने है। 23 जनवरी को यह पर्व शुक्रवार के दिन है, जब परिसर में नमाज भी होती है। हिंदू संगठन पूरे दिन पूजा करने की मांग पर अड़े हैं, जबकि ASI नियमों के मुताबिक शुक्रवार को नमाज की प्राथमिकता तय है। (mp news)