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धार भोजशाला: फिर गूंजा ‘सत्‍याग्रह’ अखंड पूजा की जिद, वसंत पंचमी 2026 से पहले गरमाया माहौल

dhar bhojshala: आज 18 नवंबर को धार भोजशाला में एक बार फिर मंगलवार को देखते हुए सामूहिक रूप से हनुमान चालीसा, सरस्वती वंदना और आनुष्ठिक पूजा विधान संपन्न हुए, शासन-प्रशासन को ज्ञापन सौंपने की तैयारी में सकल हिंदू समाज

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Nov 18, 2025
Dhar Bhojshala hanuman chalisa recitation on Tuesday (फोटो: सोशल मीडिया)

Dhar Bhojshala: धार की ऐतिहासिक भोजशाला एक बार फिर धार्मिक और सामाजिक माहौल को लेकर चर्चा में है। मंगलवार की सुबह यहां हिंदू समाज का नियमित सत्‍याग्रह शुरू होते ही परिसर में भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी। सामूहिक रूप से हनुमान चालीसा, सरस्वती वंदना और अनुष्ठानिक पूजा विधान संपन्न हुआ। कार्यक्रम के बाद यह साफ हो गया कि यह सिर्फ विरोध का मंच नहीं, बल्कि 'भोजशाला मुक्ति' का अनवरत चलने वाला अभियान बन गया है।

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लिया संकल्प, मांगें पूरी होने तक करेंगे आंदोलन

सत्‍याग्रह में शामिल संगठनों और संतों ने एक सुर में कहा कि जब तक उनकी मांगों पर कोई ठोस निर्णय नहीं हो जाता, तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा। हिंदू समाज की इस दृढ़ता के पीछे वह कानूनी लड़ाई भी है जो अभी मध्यप्रदेश हाई कोर्ट में लंबित है। हिंदू फ्रंट फॉर जस्टिस की ओर से भोजशाला को लेकर दायर की गई याचिका पर कोर्ट का फैसला आना अभी बाकी है और यही वजह है कि आंदोलनकारियों की नजरें अदालत पर भी टिकी हैं।

ASI सर्वे पर इंतजार, फैसला लेट हुआ तो बढ़ी बेचैनी

धार भोजशाला में ASI द्वारा प्रस्तावित सर्वे पर न्यायालय का अंतिम निर्णय अभी आना बाकी है। आंदोलनकारी मानते हैं कि वैज्ञानिक और ऐतिहासिक सर्वे से स्थिति स्पष्ट होगी कि यह परिसर वास्तव में क्या दर्शाता है। यह परिसर किस परंपरा का मूल केंद्र है। इसी मुद्दे को लेकर समाज में अलग-अलग उम्मीदें और असंतोष दोनों साथ-साथ चल रहे हैं।

2003 का आदेश- वसंत पंचमी पर अखंड पूजा हर हाल में

समिति के पदाधिकारियों ने दो टूक कहा है कि 2003 के केंद्रीय आदेश के अनुसार वसंत पंचमी पर अखंड पूजा किसी भी परिस्थिति में नहीं रोकी जाएगी। इस बार चुनौती ज्यादा बड़ी इसलिए भी मानी जा रही है क्योंकि 23 जनवरी 2026 को वसंत पंचमी पड़ रही है, उस दिन शुक्रवार भी है। वही दिन जब नमाज और पूजा का समय आपस में टकरा सकता है। प्रशासन के लिए ऐसी परिस्थिति में संतुलन साधना अग्निपरीक्षा से कम नहीं होगा।

आज अहम कवायद, ज्ञापन सौंपा

आज मंगलवार 18 नवंबर को सकल हिंदू समाज

बड़ी संख्या में हिन्दू समाज ने रेली निकाल कर भोजशाला में सूर्योदय से सूर्यास्त तक अखंड पूजा की अनुमति के लिए प्रधानमंत्री के नाम का ज्ञापन कलेक्टर को सौंपा। ज्ञापन में गृहमंत्री, संस्कृति मंत्री और एएसआई महानिदेशक के नाम भी लिखा गया है। समाजजन ने कलेक्टर प्रियंक मिश्रा ज्ञापन सौंपा। समाज ने कहा पूरे दिन पूजा की अनुमति से शांति और व्यवस्था बनी रहेगी।यह कदम आंदोलन की दिशा तय करने वाला माना जा रहा है।

ज्ञापन में बताया गया है कि-

  • 7 अप्रैल 2003 के एएसआई आदेश में बसंत पंचमी पर पूरे दिन पूजा-अर्चना का स्पष्ट अधिकार।
  • 2006, 2013 और 2016 में आदेश का पालन न होने पर जताई गई नाराजगी।
  • राजा भोज द्वारा 1034 में मां वाग्देवी की प्राण-प्रतिष्ठा का ऐतिहासिक उल्लेख भी ज्ञापन में शामिल किया गया है।
  • 1904 में ब्रिटिश शासन और 1952 में भारत सरकार ने भोजशाला को संरक्षित धरोहर घोषित किया था।

माहौल में बेचैनी, लेकिन उम्मीद भी

बता दें कि भोजशाला का मुद्दा वर्षों पुराना है, लेकिन इस बार आंदोलन का स्वर और तैयारी दोनों अलग दिख रहे हैं। भीड़, नेतृत्व और कानूनी प्रक्रियाओं के साथ यह साफ होता जा रहा है कि आने वाले दो महीने धार के धार्मिक-सामाजिक माहौल के लिए बेहद अहम होंगे। हिंदू समाज के सत्‍याग्रह की यह शुरुआत आने वाले दिनों में भोजशाला के भविष्य का सबसे निर्णायक मोड़ साबित हो सकती है।

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Updated on:
18 Nov 2025 04:13 pm
Published on:
18 Nov 2025 12:15 pm
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