MP News: धार के खलघाट में किसानों के एबी रोड चक्काजाम ने 15 घंटे नेशनल हाइवे रोक दिया। पुलिस ने 17 किसान नेताओं व 700 अज्ञात पर में केस दर्ज किया।
Dhar Farmer Protest: राष्ट्रीय किसान मजूदर महासंघ के बैनर तले चार जिलों के किसानों द्वारा सोमवार को धार के खलघाट में एबी रोड पर धरना देकर आंदोलन किया था। इस दौरान किसानों के विरोध और चक्काजाम से नेशनल हाइवे 15 घंटे तक बंद रहा और वाहनों की आवाजाही बाधित हुई थी। आमजन की सुरक्षा और शासन के नियमों की अनदेखी पर पुलिस द्वारा 17 नामजद किसानों के खिलाफ अपराधिक प्रकरण दर्ज करते हुए एफआइआर की गई है, जिसमें संघ के पदाधिकारियों सहित अन्य किसान शामिल है। इन सभी के खिलाफ बीएनएस तथा राष्ट्रीय राजमार्ग अधिनिम 1956 की धारा 8 बी के अंतर्गत प्रकरण दर्ज किया।
उल्लेखनीय है कि सोमवार को खलघाट टोल प्लाजा के समीप किसान आंदोलन के तहत धरना प्रदर्शन और चक्काजाम किया गया था। ट्रैफिक जाम करने और वाहनो को रोकते समय पुलिस और प्रशासन द्वारा वीडियो व फोटोग्राफी की गई थीं। जिसके आधार पर 17 लोगों को चिन्हित कर नामजद प्रकरण दर्ज किया। वहीं 700 के लगभग अज्ञात लोगों की पहचान की जा रही है। (MP News)
राष्ट्रीय किसान मजदूर महासंघ मध्य भारत संगठन मंत्री गोपाल पाटीदार निवासी ग्राम छालपा जिला खरगोन, मंदन मुवेला जिला अध्यक्ष बड़वानी प्रकाश धाकड़ निवासी बदनावर, त्रिलोक चंद पटेल जिला अध्यक्ष खंडवा, किशोर पाटीदार खरगोन, वल्लभ पाटीदार समन्वय महामंत्री निवासी ग्राम मेहगांव थाना धामनोद, रामदास मुकाती कुक्षी, रामेश्वर गुर्जर प्रांतीय महामंत्री ग्राम सिटीका थाना करही खरगोन, कैलाश पाटीदार डोगरगांव, हरिराम पाटीदार जिला उपाध्यक्ष खरगोन, राजा पिता भद्र सोलंकी, प्रफुल्ल पिता राजेश पटेल निवासी बिखरोन, अंकित पिता राकेश संलोकी निवासी जरोली खरगोन, हवन पटेल मेहगांव, महादेव पटेल डोगरगांव, महादेव पाटीदार लोहारी और ओमप्रकाश पाटीदार निवासी डोगरगांव सहित 700 अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया।
राष्ट्रीय किसान मजदूर महासंघ मध्य भारत संगठन मंत्री गोपाल पाटीदार ने कहा कि किसानों को लेकर आ रही परेशानी को लेकर हमने आंदोलन किया था। यह आंदोलन शांतिपूर्वक हुआ। प्रशासन ने भी इसे माना था। पुलिस और प्रशासन कितनी भी धाराएं लगा दें, हम पीछे नहीं हटेंगे। किसानों के साथ अन्याय नहीं होने देंगे। ऐसा है, तो एक धारा उन कर्मचारियों पर भी लगाई जाए, जिनकी देखरेख में मंडियों के अंदर किसानों की फसल समर्थन मूल्य से नीचे खरीदी जा रही है। (MP News)