Ravana secret facts: रावण भगवान शिव के अनन्य भक्तों में से एक था। जो बहुत ही मायाबी और बलशाली था।
Ravana secret facts: लकां का राजा रावण भगवान शिव का परम भक्त था। उसने महादेव को खुश करने के लिए अपने सिरों का काट कर चढ़ा दिया था। रावण की इस तपस्या को देखकर भगवान शिव ने उसे विशेष कृपा प्रदान की। जिसके बाद महाप्रतापी रावण ने कैलाश पर्वत को ही उठाने का प्रयास किया। आइए जानते हैं रावण ने ऐसा क्यों किया ?
धार्मिक कथाओं के अनुसार राक्षसराज रावण महादेव और ब्रह्मा जी का परम भक्त तो था ही। साथ ही वह परम ज्ञानी भी था। मान्यता है कि वह सर्व वेदों का ज्ञाता था। इस लिए उसने भगवान शिव और ब्रह्मा जी से मिली शक्तियों को आजमान चाहा। क्योंकि वह अहंकारी भी था। वह कैलाश पर्वत को उठाकर अपनी शक्तियों का प्रदर्शन करना चाहता था। मान्यता है कि अहंकार में चूर रावण की यह मंशा थी कि वह अगर कैलाश पर्वत को उठाकर लंका ले जाएगा। तो भगवान शिव रावण के इस पराक्रम से प्रसन्न होंगे और उस पर विशेष कृपा करेंगे।
रावण के इस करतब को देखकर भगवान महादेव क्रोधित हुए और अपने पैर के अंगूठे से कैलाश पर्वत को नीचे दबा दिया। जिससे रावण की दोनों भुजाएं कांपने लगी। जब कैलाश पर्वत के बढ़ते भार से रावण कराहने लगा। तो उसे इस बात का आभास हुआ कि यह सब भगवान शिव को क्रोध की वजह से हो रहा है। तब उसने शिव तांडव स्तोत्र की रचना की। उसकी भक्ति और पश्चाताप से भगवान खुश हुए और उसे क्षमा कर दिया। साथ ही उसे अपने अनन्य भक्तों में स्थान दिया।
यह घटना रावण के दो चरित्रों को उजागर करती है। जिसमें सबसे पहले उसका अहंकार जो उसे चुनौतीपूर्ण कार्य करने के लिए प्रेरित करता था। वहीं दूसरा उसकी भक्ति जो उसे आध्यात्मिक शक्ति और ज्ञान प्राप्त करने में मदद करती। कैलाश पर्वत को उठाना रावण की शक्ति और भगवान शिव को खुश करना भक्ति का प्रतीक है।
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