sarva pitru amavasya 2024 date : पितृ पक्ष में पितरों की प्रसन्नता और मुक्ति के लिए श्राद्ध कर्म किए जाते हैं। इसी के तहत ब्राह्मणों और जरूरतमंदों को भोजन कराया जाता है। इससे पितर प्रसन्न होते हैं और आशीर्वाद देते हैं। लेकिन धार्मिक ग्रंथों में कुछ ऐसे लोग बताए गए हैं, जिन्हें श्राद्ध कर्म में नहीं बुलाना चाहिए, क्योंकि इससे पितृ नाराज हो जाते हैं।
sarva pitru amavasya: अश्विन अमावस्या तिथि सर्व पितृ अमावस्या के नाम से जानी जाती है। इस दिन ऐसे सभी लोगों का श्राद्ध किया जाता है जिनकी मृत्यु चतुर्दशी, पूर्णिमा या अमावस्या को हुई हो। इसके अलावा इस तिथि पर ऐसे लोगों का भी श्राद्ध किया जाता है जिनकी मृत्यु की तिथि के बारे में पता नहीं होता है या श्राद्ध पक्ष के अन्य दिनों पर जिनका श्राद्ध नहीं किया गया हो। इसलिए इसे सर्वपितृ मोक्ष अमावस्या कहते हैं।
सर्व पितृ अमावस्या को महालय समापन या महालय विसर्जन के नाम से भी जाना जाता है। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार सर्व पितृ अमावस्या पर अपने पितरों का श्राद्ध करना बहुत जरूरी होता है। इससे आपके पूर्वज आपसे प्रसन्न रहते हैं और आपको सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं।
अश्विन अमावस्या तिथि प्रारंभः मंगलवार 01 अक्टूबर 2024 को रात 09:39 बजे
अश्विन अमावस्या तिथि समापनः बुधवार 02 अक्टूबर 2024 को रात 12:18 बजे (यानी 3 अक्टूबर की सुबह)
अमावस्या श्राद्धः बुधवार 2 अक्टूबर 2024 को
कुतुप मुहूर्तः सुबह 11:46 बजे से दोपहर 12:34 बजे
अवधिः 00 घण्टे 47 मिनट्स
रौहिण मुहूर्तः दोपहर 12:34 बजे से दोपहर 01:21 बजे तक
अवधिः 00 घण्टे 47 मिनट्स
अपराह्न कालः दोपहर 01:21 बजे से 03:43 बजे तक
अवधिः 02 घण्टे 22 मिनट्स
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