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shradh 2024 start date: नाना नानी की आत्मा की शांति के लिए इस दिन करते हैं श्राद्ध, घर में आती है सुख समृद्धि

shradh 2024 start date: पितरों का पखवाड़ा यानी पितृ पक्ष आने वाला है। इसकी शुरुआत अश्विन कृष्ण प्रतिपदा से हो जाएगी, इस दिन वंशज अपने पितृ की आत्म शांति के लिए श्राद्ध करते हैं। मान्यता है कि श्राद्ध सामग्री ग्रहण करने पितृ स्वयं धरती पर आते हैं। आइये जानते हैं नाना नानी का श्राद्ध किस दिन करते हैं।

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shradh 2024 start date and end date

नाना नानी की आत्मा की शांति के लिए इस दिन करते हैं श्राद्ध, घर में आती है सुख समृद्धि

क्या है पितृ पक्ष

pitru paksha 2024 rituals: पितृ पक्ष को पितरों का पखवाड़ा कहा जाता है। यह अश्विन कृष्ण प्रतिपदा (यानी कृष्ण पक्ष के पहले दिन) से लेकर अश्विन अमावस्या ( सामान्यतः कृष्ण पक्ष के पंद्रहवें दिन) तक चलता है। हिंदू दर्शन की मान्यताओं के अनुसार मोक्ष प्राप्ति से पहले और अपनी अगली यात्रा शुरू करने से पहले पृथ्वी पर अपनी आयु पूरी कर चुकी जीव आत्मा को शरीर त्याग यानी मृत्यु के बाद पितृ लोक में निवास करना पड़ता है। किसी भी व्यक्ति के परिजन चाहे वो विवाहित हों या अविवाहित, बच्चे हों या बुजुर्ग, स्त्री हों या पुरुष जिनकी भी मृत्यु हो चुकी है उन्हें पितर कहा जाता है।


हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार मृत्यु के देवता यमराज श्राद्ध पक्ष यानी पितृ पक्ष में इन जीवों को मुक्त कर देते हैं, ताकि वे स्वजनों के घर जाकर तर्पण ग्रहण कर सकें। इसी कारण ये पितर श्राद्ध पक्ष में धरती लोक में निवास करते हैं और इस दौरान वंशजों की ओर से किए पिंडदान, श्राद्ध और तर्पण को ग्रहण कर प्रसन्न होते हैं और आशीर्वाद देते हैं।

पितरों को मिलती है शांति

मान्यता है कि इस समय किए श्राद्ध और पिंडदान से जीव को मोक्ष की प्राप्ति होती है। इससे पितृ दोष दूर होता है और पितरों को शांति मिलती है। साथ ही घर में सुख शांति आती है। इसके लिए श्राद्ध पक्ष में तर्पण और पिंडदान के साथ गरीबों ब्राह्णणों को भोजन कराया जाता है और दान दिया जाता है।

तिथि अनुसार पितृ पक्ष में श्राद्ध

pitru paksha 2024 rituals: पितृपक्ष में वैसे तो पूर्वजों की मृत्यु तिथि पर वंशजों की ओर से श्राद्ध किया जाता है, लेकिन शास्त्रों में कुछ तिथियां ऐसी भी निर्धारित हैं जिनमें दूसरी तिथियों को मृत्यु प्राप्त करने वाले लोगों का भी श्राद्ध और पिंडदान किया जाता है। आइये जानते हैं कि ननिहाल पक्ष में किसी के न रहने पर नाना-नानी का श्राद्ध किस तिथि पर करें…

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प्रतिपदा श्राद्ध 2024 (pratipada shradh)

धर्म ग्रंथों के अनुसार प्रतिपदा श्राद्ध परिवार के उन मृतक सदस्यों के लिए किया जाता है, जिनकी मृत्यु शुक्ल पक्ष या कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि पर हुई हो। साथ ही इसी तिथि पर नाना-नानी का भी श्राद्ध किया जाता है।

मान्यता के अनुसार यदि मातृ पक्ष में श्राद्ध करने के लिए कोई व्यक्ति नहीं है तो इस तिथि पर श्राद्ध करने से नाना-नानी की आत्मा प्रसन्न होती हैं। इसके अलावा यदि किसी को नाना-नानी की पुण्यतिथि ज्ञात नहीं है तो वो व्यक्ति भी इस तिथि पर अपने नाना नानी का श्राद्ध कर सकता है। माना जाता है कि, इस श्राद्ध को करने से घर में सुख-समृद्धि आती है।


इस श्राद्ध को पड़वा श्राद्ध भी कहते हैं। पितृ पक्ष श्राद्ध पार्वण श्राद्ध होते हैं। इसे कुतुप, रौहिण आदि मुहूर्त में करना चाहिए और अपराह्न काल समाप्त होने तक श्राद्ध संबंधी सभी अनुष्ठान पूरे कर लेने चाहिए। श्राद्ध के अंत में तर्पण किया जाता है।

कब है प्रतिपदा श्राद्ध (kab hai pratipada shradh)

अश्विन कृष्ण प्रतिपदा तिथि प्रारंभः 18 सितंबर 2024 को सुबह 08:04 बजे से
अश्विन कृष्ण प्रतिपदा तिथि समापनः 19 सितंबर 2024 को सुबह 04:19 बजे तक

प्रतिपदा श्राद्ध यानी पड़वा श्राद्धः बुधवार 18 सितंबर 2024 को

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इस मुहूर्त में करें पड़वा श्राद्ध

कुतुप मूहूर्तः बुधवार सुबह 11:50 बजे से दोपहर 12:39 बजे तक
अवधिः 00 घंटे 49 मिनट


रौहिण मूहूर्तः बुधवार दोपहर 12:39 बजे से दोपहर 01:28 बजे तक
अवधिः 00 घंटे 49 मिनट


अपराह्न कालः दोपहर 01:28 बजे से दोपहर 03:55 बजे तक
अवधिः 02 घंटे 27 मिनट