धौलपुर जिले के नादनपुर स्थित खनपुरा हाल महेश नगर निवासी भूपेंद्र सिंह गुर्जर को परीक्षा के बाद गिरफ्तार किया गया। आरोपी भूपेंद्र शनिवार को मुरलीपुरा स्थित शहीद हिम्मत सिंह रा.सी.सै. स्कूल में परीक्षा देने आया था।
धौलपुर: राजस्थान पुलिस कांस्टेबल भर्ती परीक्षा 2025 में पहली बार अपनाई गई एआई तकनीक नकल रोकने में कारगर साबित हुई। इसी तकनीक की मदद से शनिवार को मुरलीपुरा स्थित शहीद हिम्मत सिंह रा.सी.सै. स्कूल में परीक्षा देने आए धौलपुर जिले के नादनपुर स्थित खनपुरा हाल महेश नगर निवासी भूपेंद्र सिंह गुर्जर को गिरफ्तार किया गया।
जांच में सामने आया कि भूपेंद्र ने अपने भतीजे धर्मवीर की जगह पहले भी परीक्षा दी थी। एक जून को आयोजित बीएसटीसी परीक्षा के दौरान वह निवारू रोड स्थित परीक्षा केन्द्र में धर्मवीर के नाम पर बैठा था और वहां अपनी बायोमैट्रिक उपस्थिति दर्ज करा चुका था। इस बार जब कांस्टेबल भर्ती परीक्षा में उसका फिंगरप्रिंट और फोटो मिलाए गए तो एआई सॉफ्टवेयर ने तुरंत गड़बड़ी पकड़ ली।
भर्ती एवं पदोन्नति बोर्ड के एडीजी बिपिन कुमार पाण्डेय ने बताया कि मुख्यालय स्थित कंट्रोल रूम में तैनात एआई एक्सपर्ट्स लगातार संदिग्ध अभ्यर्थियों की प्रोफाइल स्कैन कर रहे थे। इसी दौरान भूपेंद्र की पहचान उजागर हुई। यह पहली बार है जब नई तकनीक ने परीक्षा में डमी अभ्यर्थी को रंगे हाथों पकड़ा।
पुलिस ने परीक्षा खत्म होते ही कार्रवाई करते हुए आरोपी भूपेंद्र को दबोच लिया। डीसीपी वेस्ट हनुमान प्रसाद मीणा ने बताया कि जांच के बाद भतीजे धर्मवीर को भी हिरासत में लिया गया। दोनों के खिलाफ नए परीक्षा अधिनियम के तहत जीरो नंबर एफआईआर दर्ज कर मामला झोटवाड़ा थाने भेजा गया है।
गौरतलब है कि दो दिन चली कांस्टेबल भर्ती परीक्षा के दौरान एआई तकनीक से जयपुर समेत विभिन्न परीक्षा केंद्रों पर कुल 13 डमी अभ्यर्थी पकड़े गए। सभी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है। नई तकनीक ने पहली ही बार में नकलचियों की पोल खोल दी।