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Constable Recruitment: उदयपुर और श्रीगंगानगर में कांस्टेबल भर्ती परीक्षा में हुआ बड़ा खेल, पेपर बदलने से मचा हड़कंप

Constable Recruitment: उदयपुर और श्रीगंगानगर जिले में रविवार को पेपर बॉक्स की अदला-बदली से परीक्षा देरी से शुरू हुई। लेबल कोड की गलती से दो सेंटरों पर पेपर कम निकले, रिजर्व पेपर से परीक्षा कराई गई। अभ्यर्थियों को अतिरिक्त समय दिया गया।

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Constable Recruitment

Rajasthan Constable Recruitment (Patrika Photo)

उदयपुर/श्रीगंगानगर: उदयपुर जिले के आलोक स्कूल हिरणमगरी सेक्टर-11 और अरावली टीचर ट्रेनिंग कॉलेज देबारी में पेपर बॉक्स की अदला-बदली के मामले सामने आए हैं। वहीं, श्रीगंगानगर जिले के गुरुनानक खालसा सी-सेक्टर विद्यालय और एसजीएन खालसा कॉलेज केन्द्रों पर रविवार को पेपर बॉक्स की अदला-बदली के मामले सामने आए।


अधिकारियों के अनुसार, पेपर बॉक्स की अदला-बदली लेबल कोड में गलती की वजह से हुई। दो सेंटरों पर पेपर कम निकले तो रिजर्व पेपर से परीक्षा करा दी गई। लेकिन इस वजह से पहली पारी में परीक्षा देरी से शुरू हुई। हालांकि, परीक्षार्थियों को भी पेपर हल करने के लिए अतिरिक्त समय दिया गया।


भीड़-जाम में उलझा रहा उदयपुर शहर


रविवार का दिन पुलिसप्रशासन के लिए चुनौतीपूर्ण रहा। कांस्टेबल भर्ती-2025 के तहत दूसरे दिन रविवार को दो पारियों में परीक्षा हुई। दिनभर में 28 हजार से ज्यादा अभ्यर्थी उदयपुर में आए। इसके अलावा शहर में बड़े आयोजन होने और रविवार को पर्यटकों की मौजूदगी के चलते यातायात दबाव भी एकाएक बढ़ गया।


स्थिति ये रही कि परीक्षा आयोजन, पर्यटकों की मौजूदगी और आयोजनों की अधिकता से भीड़भाड़ और यातायात जाम में शहरवासी उलझे नजर आए। परीक्षा रविवार को शहर के 62 केन्द्रों पर दो पारी में हुई। पहली पारी सुबह 10 से दोपहर 12 बजे तक और दूसरी पारी दोपहर 3 से 5 बजे तक हुई। उदयपुर पुलिस की ज्यादातर नफरी परीक्षा बंदोबस्त में रही तो यातायात प्रबंधन गड़बड़ाता नजर आया।


देर रात तक अभ्यर्थियों की आवाजाही रही। ऐसे में जहां सड़कों पर अभ्यर्थियों और वाहनों की भीड़ नजर आई। रोडवेज प्रबंधन की ओर से 90 अतिरिक्त बसें जयपुर और जोधपुर रूट पर लगाई गई।


इस परीक्षा में यह रही स्थिति


-40,356 अभ्यर्थी पंजीकृत दोनों पारियों में।
-28,159 अभ्यर्थी बैठे दोनों पारियों में।
-12,197 अभ्यर्थी नहीं आए परीक्षा देने।
-69.77 प्रतिशत रही अभ्यर्थियों की हाजिरी।


पहले की तुलना में दूसरा-तीसरा पेपर सरल


परीक्षा विशेषज्ञ प्राचार्य संजय लुणावत, कमांडर बादल सोनी, माय मिशन कोचिंग संस्थान के डायरेक्टर शुभम जैन ने बताया कि दूसरे दिन के पेपर में भी राजस्थान का भूगोल, इतिहास, कला एवं संस्कृति, सामान्य विज्ञान, कंप्यूटर, इलेक्ट्रॉनिक्स, इंटरनेट, कृत्रिम बुद्धिमत्ता, साइबर अपराध, डिजिटल फॉरेंसिक, सूचना प्रौद्योगिकी, संचार, सामान्य ज्ञान, तार्किक योग्यता, प्रमुख समसामयिक घटनाएं, महिलाओं और बच्चों के अधिकारों और उनके लिए सरकारी योजनाएं से संबंधित प्रश्न पूछे गए।


दूसरे दिन के पेपर का स्तर पहले पेपर की तुलना में सरल था। कंप्यूटर एवं संबंधित विषय के प्रश्न पहले की तुलना में सरल पूछे गए। कूट, मिलान, कथन-निष्कर्ष वाले प्रश्न भी दोनों पेपर में नहीं थे। पहले पेपर की तुलना में दूसरे और तीसरे पेपर का स्तर सरल रहा।


पेपर कम निकले तो मची खलबल


श्रीगंगानगर जिला मुख्यालय पर कांस्टेबल भर्ती की लिखित परीक्षा रविवार को दो पारियों में हुई। पहली पारी सुबह 10 बजे से दोपहर 12 बजे तक और दूसरी पारी दोपहर तीन बजे से शाम पांच बजे तक थी। परीक्षा के लिए 24 परीक्षा केन्द्र बनाए गए।
पहली पारी में दो शिक्षण संस्थाओं में बने परीक्षा केन्द्रों पर प्रश्न पत्रों के बॉ€क्स बदले गए। इस वजह से इन बॉ€क्स में प्रश्न पत्र कम निकले तो वहां खलबली मच गई। सूचना मिलते ही पुलिस अधीक्षक ने स्वयं पहुंचकर प्रश्न पत्रों की गोपनीयता बनाए रखते हुए वीडियोग्राफी कराई और बड़ी चूक को कंट्रोल किया।


गलत कोड से खड़ी हुई परेशानी


पुलिस अधीक्षक डॉ. अमृता दुहन ने बताया कि प्रथम पारी में प्रश्न-पत्र के बॉ€क्स समयानुसार और प्रोटोकॉल के साथ सभी 24 परीक्षा केंद्रों पर नियमानुसार पहुंचाए गए, लेकिन दो परीक्षा केंद्र में प्रश्न-पत्र बॉ€क्स पर परीक्षा केंद्र के लेबल कोड में तकनीकी गलती होने के कारण गुरुनानक खालसा सी सेक्टर विद्यालय के प्रश्न-पत्र बॉ€स एसजीएन खालसा महाविद्यालय में पहुंच गए। वहीं, एसजीएन खालसा महाविद्यालय के प्रश्न-पत्र बॉ€क्स गुरुनानक खालसा सी सेक्टर विद्यालय में पहुंच गए।


गुरुनानक खालसा स्कूल में परीक्षार्थियों की संख्या 408 और एसजीएन खालसा कॉलेज में परीक्षार्थियों की संख्या 600 थी। खालसा कॉलेज में प्रश्न-पत्रों की संख्या कम होने पर पहले रिजर्व प्रश्न-पत्रों को प्रयोग में लिया गया। सील लगाकर वीडियोग्राफी करवाई। एसपी ने बताया कि गुरुनानक खालसा स्कूल में से अतिरिक्त प्रश्न-पत्रों को नियमानुसार सील मोहर कर प्रोटोकॉल की पालना और वीडियोग्राफी कराई गई और स्वयं उनकी मौजूदगी में एसजीएन खालसा महाविद्यालय में पहुंचाए गए।


इस प्रकिया में कुछ अतिरिक्त समय लगने के कारण एसजीएन खालसा महाविद्यालय में परीक्षा नियत समय से 20 मिनट की देरी से 10:20 बजे प्रारंभ हुई, जिसके कारण परीक्षार्थियों को 20 मिनट अतिरिक्त समय दिए जाने के कारण उनकी परीक्षा दोपहर 12 : 20 बजे खत्म हुई।


कांस्टेबल बनने में रुचि कम, 59 फीसदी परीक्षार्थी ही हाजिर


पुलिस कांस्टेबल भर्ती लिखित परीक्षा के प्रति युवाओं में उत्साह कम नजर आया। दोनों पारियों में केवल 59.69 प्रतिशत ही परीक्षार्थी पेपर देने के लिए हाजिर हुए, जबकि 40.30 प्रतिशत परीक्षार्थी परीक्षा में शामिल ही नहीं हुए।


परीक्षा के नोडल अधिकारी एडिशनल एसपी रघुवीर प्रसाद शर्मा ने बताया कि 24 केन्द्रों पर पहली पारी में कुल 10,872 में से 6,643 परीक्षार्थी उपस्थित हुए और 4,229 अनुपस्थित रहे। उपस्थिति प्रतिशत 61.10 रहा। वहीं दूसरी पारी में कुल 10,872 में से 6,336 परीक्षार्थी आए, जबकि 4,536 अनुपस्थित रहे। इस प्रकार उपस्थिति प्रतिशत 58.27 रहा।


बॉयोमेट्रिक और फेस रीडिंग से जांच


परीक्षा की कमान पुलिस प्रशासन के हाथ में थी। परीक्षा केन्द्रों के बाहर भीड़ नियंत्रित करने के लिए रविवार सुबह छह बजे से ही पुलिसकर्मियों की ड्यूटी लगा दी गई थी। यातायात थाना प्रभारी सीआई रघुवीर सिंह बीका ने बताया कि शहर में प्रवेश के लिए भारी वाहनों और बसों का रूट डायवर्ट कर दिया गया।


नकल रोकने के लिए परीक्षा केन्द्रों के गेट पर सख्त स्क्रीनिंग की गई। परीक्षार्थियों के जूते-चप्पल उतरवाए गए, कानों की रिंग या झुमके तक खुलवाए गए। सबसे पहले फेस रीडिंग के लिए वहां तैनात एक्सपर्ट टीम ने जांच की। इसके बाद बॉयोमेट्रिक से सत्यापन किया गया कि संबंधित परीक्षार्थी असली है या फर्जी।


इसके बाद प्रवेश पत्र पर एक कोडयुक्त स्टिकर चिपका दिया गया, ताकि परीक्षा कक्ष में परीक्षक को विश्वास हो सके कि परीक्षार्थी की सभी जांच पूरी हो चुकी है। इस कारण पुलिस प्रशासन ने परीक्षा केन्द्र में प्रवेश के लिए आधा घंटा पहले पहुंचने का समय निर्धारित किया।


बस स्टैंड और स्टेशन पर उमड़ी भीड़


परीक्षा समाप्त होने के बाद केंद्रीय बस स्टैंड और रेलवे स्टेशन पर घर लौटने के लिए परीक्षार्थियों की भीड़ उमड़ पड़ी। हर कोई अपने शहर लौटने के लिए आतुर नजर आया। अधिकांश परीक्षार्थी जयपुर, सवाई माधोपुर, दौसा और सीकर से आए हुए थे। ये सभी लंबी दूरी की बसों और ट्रेनों के बारे में जानकारी लेते हुए दिखाई दिए।