Kidney Stone: किडनी पथरी आजकल गलत खान-पान और लाइफस्टाइल के कारण आम समस्या बन गई है, जिसका इलाज घरेलू नुस्खों से भी संभव है। तुलसी, अपनी औषधीय गुणों के कारण, किडनी पथरी को दूर करने में प्रभावी साबित सकती है।
Kidney Stones: किडनी पथरी आजकल एक आम समस्या बन गई है। खान-पान की गलत आदतों, पानी की कमी और खराब लाइफस्टाइल के कारण यह समस्या बढ़ रही है। हालांकि मेडिकल उपचार और सर्जरी के साथ किडनी पथरी का इलाज किया जा सकता है, लेकिन घरेलू नुस्खों के जरिए भी इस पर काबू पाया जा सकता है। तुलसी, जो भारतीय संस्कृति में धार्मिक महत्व के साथ-साथ औषधीय गुणों के लिए भी जानी जाती है, किडनी पथरी के इलाज में एक कारगर उपाय साबित हो सकती है।
तुलसी, जिसे हिंदू धर्म में पूजा जाता है, न केवल धार्मिक महत्व रखती है, बल्कि इसके स्वास्थ्य लाभ भी असीमित हैं। विटामिन्स, कैल्शियम, आयरन और सोडियम जैसे पोषक तत्वों से भरपूर तुलसी, शरीर को कई तरह से लाभ पहुंचाती है। यह न केवल शारीरिक स्वास्थ्य को सुधारती है, बल्कि मानसिक शांति के लिए भी फायदेमंद मानी जाती है।
Karma Ayurveda के अनुसारतुलसी में मौजूद गुण किडनी पथरी के इलाज में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। तुलसी में ऐसे तत्व होते हैं जो किडनी से पथरी को घोलने और उसे शरीर से बाहर निकालने में मदद करते हैं। तुलसी के सेवन से शरीर की पाचन क्रिया भी सुधारती है, जिससे किडनी पर दबाव कम होता है और पथरी का आकार छोटा हो सकता है। इसके अलावा तुलसी में औषधीय गुण होते हैं जो किडनी को स्वच्छ करने और उसकी कार्यक्षमता को बढ़ाने में सहायक होते हैं।
किडनी पथरी दूर करने के लिए तुलसी की चाय बनाना बहुत आसान और फायदेमंद है। इसके लिए 8-10 ताजे तुलसी के पत्ते एक कप पानी में डालकर धीमी आंच पर 5-7 मिनट तक उबालें। चाहें तो स्वाद और औषधीय गुण बढ़ाने के लिए अदरक का छोटा टुकड़ा भी डाल सकते हैं। चाय जब हल्की गर्म हो जाए तो उसमें स्वादानुसार शहद मिलाएं। यह गरमागरम चाय सुबह खाली पेट या शाम को पीने से किडनी साफ होती है और इम्यून सिस्टम भी मजबूत होता है। नियमित सेवन से स्वास्थ्य बेहतर होता है और कई बीमारियों से बचाव होता है।
डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।
ये भी पढ़ें