Junk food side effects : जंक फूड अब केवल मोटापा और फैटी लिवर जैसी शारीरिक समस्याओं का कारण नहीं बन रहा, बल्कि यह मानसिक स्वास्थ्य पर भी गंभीर प्रभाव डाल रहा है।
Junk food side effects : जंक फूड (Junk Food) अब ओबेसिटी (Obesity) , फैटी लिवर जैसी समस्याओं के साथ-साथ मानसिक स्वास्थ्य पर भी बुरा प्रभाव डाल रहा है। जंक फूड, अधिकांश लोगों के खान-पान का हिस्सा बन चुका है। शहर के चिकित्सकों का कहना है कि शरीर की तरह ही मस्तिष्क को भी पोषक तत्वों की आवश्यकता होती हैं। सही मात्रा में पोषक तत्व नहीं मिलने से मस्तिष्क प्रभावित हो जाता है और कम उम्र में ही व्यक्ति डिमेंशिया (Dementia) यानी भूलने की बीमारी का शिकार हो जाता है। बुढ़ापे की यह बीमारी अब लोगों में कम उम्र से ही पाई जा रही हैं। इसको बढ़ावा देने में जंक फूड भी अहम भूमिका निभा रहा हैं।
चिकित्सकों ने बताया कि आदिनाथ नगर में रहने वाली 24 वर्षीय युवती कामकाज के लिए बाहर रहती थी। सहूलियत को देखते हुए घर की बजाय बाहर का खाना खाती थी। अत्यधिक जंक फूड के सेवन से मोटापा (Obesity) हो गया और चीजों को याद रखने में काफी तकलीफ होने लगी। चिकित्सक से परामर्श लेने पर पता चला कि उन्हें डिमेंशिया (Dementia) है।
एजुकेशन पोस्ट की 2024 की रिपोर्ट्स के अनुसार 23 फीसदी भारतीय अत्यधिक जंक फूड (Junk Food) खाने से ओवर वेट हो चुके हैं। इसमें सबसे ज्यादा युवाओं की संख्या देखी जा रही हैं। नेशनल सेंटर ऑफ बायो-टेक्नोलॉजी इन्फार्मेशन (एनसीबीआइ ) की एक रिपोर्ट के अनुसार जंक फूड, आर्टिफिशियल स्वीटनर्स रोजाना के खाने की तुलना में 20 फीसदी ज्यादा कैलोरी होती है। अल्ट्रा-प्रोसेस फूड मस्तिष्क की क्षमता और निर्णय लेने की शक्ति को प्रभावित करता है।