डूंगरपुर का वागड़ प्रयाग बेणेश्वर धाम पिछले 19 दिनों से पानी से घिरा टापू बना हुआ है। माही डैम से पानी छोड़े जाने के बाद तीनों ओर से पुल डूबे हैं। श्रद्धालु दूर से ही दर्शन कर लौट रहे हैं, तर्पण भी किनारे पर किया जा रहा है।
डूंगरपुर: वागड़ प्रयाग बेणेश्वर धाम पिछले 19 दिनों से टापू में तब्दील है। जिले में हो रही लगातार बरसात और बांसवाड़ा के माही डैम के गेट खुलने के बाद धाम से जोड़ने वाले साबला-बेणेश्वर, बेणेश्वर-वलाई और बेणेश्वर गनोड़ा पुल पर चादर चल रही है।
ऐसे में यहां पहुंचने वाले श्रद्धालु दूर से ही दर्शन वंदन कर लौट रहे हैं। साथ ही श्राद्ध के दिनों में पहले पानी कम होने के कारण श्रद्धालु नदी के पेटे में तर्पण करने उतर जाते थे। लेकिन अब पानी भरा होने के कारण किनारे ही तर्पण किया जा रहा है। इधर, धाम पर नियमित काम करने वाले व्यापारी और पुजारी हैं, जो सभी सुरक्षित हैं।
-तीन दिशाओं में बांसवाड़ा के गनोड़ा और पालोदा तथा डूंगरपुर के साबला कस्बे की ओर बन रहे तीन बड़े पुल अधूरे पड़े।
-दो गेट खुले हैं माही डैम के, जिससे 10948 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है।
-तीन नदियों सोम, माही और जाखम के त्रिवेणी संगम पर बना हुआ है यह धाम।
-उदयपुर से लगभग 130 किमी दूर।
-बांसवाड़ा से करीब 45 किमी फासला।
-डूंगरपुर से 60 किमी दूर है धाम।
-रतलाम से लगभग 130 किमी दूर।