Dungarpur Breaking News : डूंगरपुर का हार्ट ऑफ द सिटी है ऐतिहासिक गेपसागर झील। 2017 के बाद इस साल 2025 में झील लबालब भर गई है। बस छलकने को आतुर हो रही है। पर अब यह संभव नहीं हो सकेगा, क्योंकि डूंगरपुर का गेपसागर जलाशय कभी भी खाली हो सकता है। वजह चौंका देगी।
Dungarpur Breaking News : डूंगरपुर का हार्ट ऑफ द सिटी ऐतिहासिक गेपसागर झील लाखों प्रयासों के बाद आठ साल के लंबे अंतराल के बाद लबालब होकर छलकने को आतुर हो रही है। पर, जिम्मेदारों की अनदेखी के चलते ओटा मार्ग पर बनी वॉल में छेद होने से लगातार पानी बह रहा है। इससे जलाशय ओवर-लो होने के पहले ही खाली हो रहा है। जागरूक लोगों ने जलाशय से हो रहे रिसाव को रोकने के लिए सक्षम स्तर तक बात भी पहुंचाई है। इसके बाद नगरपरिषद् ने आवश्यक प्रयास भी शुरू कर दिए हैं। पर, फिलहाल रिसाव जारी है। ऐसे में झील प्रेमियों के माथे पर चिंता की सलवटें लगातार बढ़ती ही जा रही हैं।
गेपसागर झील डूंगरपुर वासियों की धड़कन है। इस जलाशय से सर्वसमाज की धार्मिक एवं सांस्कृतिक परपराएं भी जुड़ी है। वहीं, यह जलाशय शहर की सौन्दर्य में भी चार चांद लगाती है। ऐतिहासिक गेपसागर झील के कैचमेंट एवं जल आवक मार्गों पर हुए अतिक्रमणों को हटाने को लेकर समय-समय पर कई छोटे-बड़े आंदोलन भी हुए हैं। इन सबके के बीच इस वर्ष औसत से अधिक बारिश होने के चलते गेपसागर झील लबालब हो गई है तथा ओवरलो होने की ही देर है। अंतिम बार गेपसागर झील वर्ष 2017 में लबालब भर के छलकी थी।
गेपसागर जलाशय का ओवरफ्लो बादल महल ओटामार्ग पर है। यहां शास्त्री कॉलोनी क्षेत्र के पानी निकासी के लिए बना नाला ही अंतिम छोर में गेपसागर की पाल का भी काम कर रहा है। इस नाले में कई जगह-जगह छेद हो गए हैं। इससे गेपसागर का पानी नाले से होता हुआ सीधा निकलना शुरू हो गया है। यहां काम करने वाले बांसड़ समाज के युवाओं ने बताया कि नाला पूरा भर गया है। कई जगह छेद नजर भी नहीं आ रहे हैं। तीन-चार छेद चार से पांच इंच बड़े हो गए हैं। यदि इन लीकेज को जल्दी नहीं भरा गया, तो पानी के दबाव से दीवार भी टूट सकती है।
गौरतलब है कि ओटे से बादल महल की तरफ जाने वाले मार्ग पर बनी गेपसागर की दीवार कमजोर बनी हुई है। पूर्व के वर्षों में भी पानी भरने पर दीवार ढह गई थी। इस पर तत्कालीन नगर निकाय ने दीवार वापस बनवाई थी।
सभापति अमृत कलासुआ ने बताया कि परिषद् को झील की पाल से रिसाव की जानकारी मिलते ही टीम ने निरीक्षण किया। फिलहाल दीवार के दोनों तरफ पानी काफी भरा है। ऐसे में तात्कालिक प्रयास कर दिए हैं। पानी का लेवल कम होते ही आरसीसी की मजबूत दीवार बनवाई जाएगी।